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    ओडिशा में TRAP OPERATION के जरिए भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार, 271 अधिकारी गिरफ्तार, 33 बर्खास्त

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 08:33 PM (IST)

    ओडिशा सतर्कता निदेशालय ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री मोहन माझी ने बताया कि पिछले 18 महीनों में 20 पुलिस अधिकारियों सहित 271 ...और पढ़ें

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    फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा सतर्कता निदेशालय ने राज्य में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान तेज कर दी है। मुख्यमंत्री मोहन माझी ने विधानसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि पिछले 18 महीनों के दौरान 20 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। 
     
    ये गिरफ्तारियां सतर्कता विभाग द्वारा चलाए गए लगातार ट्रैप ऑपरेशनों का परिणाम हैं। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 12 जून 2024 से 30 नवंबर 2025 के बीच विभिन्न सतर्कता मामलों में कुल 271 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की गिरफ्तारी की गई। 
     
    इनमें कई विभागों के अधिकारी शामिल हैं, जिन पर सेवा के दौरान वित्तीय अनियमितता, पद का दुरुपयोग या रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप साबित हुए।


    सतर्कता अदालतों की बड़ी उपलब्धि 

    इस अवधि में सतर्कता अदालतों द्वारा 174 आरोपियों के खिलाफ दोष सही पाया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह संख्या भ्रष्टाचार के मामलों में बढ़ती सफल अभियोजन क्षमता का संकेत है। अदालतों में मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत करने और तेज जांच प्रक्रिया ने इन मामलों को गति दी है।

    भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तारी और दोषसिद्धि के बाद प्रशासनिक स्तर पर भी कठोर कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री माझी ने बताया कि 33 अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त किया गया।

    65 सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन लाभ रोक दिए गए, क्योंकि वे सतर्कता मामलों में संलिप्त पाए गए। यह कदम सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता, अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में राज्य सरकार की कठोर नीति को दर्शाते हैं।

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    ट्रैप ऑपरेशन पर फोकस 

    मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि सतर्कता विभाग ट्रैप ऑपरेशनों को शीर्ष प्राथमिकता देता है, क्योंकि ये रिश्वतखोरी के नेटवर्क को उजागर करने में अत्यंत प्रभावी हैं। उन्होंने बताया कि विभाग की टीमें लगातार निगरानी, छापामारी और तकनीकी जांच के माध्यम से भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने का प्रयास कर रही हैं। 

    सदन में उन पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची भी प्रस्तुत की गई, जिन्हें 12 जून 2024 से 30 नवंबर 2025 के बीच रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। यह पहली बार है जब सरकार ने इतने विस्तृत आंकड़े सार्वजनिक मंच पर उजागर किए हैं।

    राज्य सरकार का कहना है कि भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए न केवल कानूनी, बल्कि प्रशासनिक ढांचे को भी मजबूत किया जा रहा है। मुख्यमंत्री माझी ने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ यह सख्ती जारी रहेगी और किसी भी स्तर पर मामले को दबाने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी।