Odisha Cabinet Meeting: कैबिनेट बैठक में 6 प्रस्ताव को अनुमोदन, उच्च शिक्षा में पिछड़ा वर्ग को मिलेगा 11.25 प्रतिशत आरक्षण
ओडिशा सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसले में उच्च शिक्षा में सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) के छात्रों के लिए 11.25% आरक्षण को मंजूरी दी है। यह आरक्षण 2025-26 शैक्षणिक वर्ष से राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में लागू होगा। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया जिसका उद्देश्य पिछड़े वर्गों को सामाजिक न्याय प्रदान करना है।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत उच्च शिक्षा के लिए रहने वाले विभिन्न पाठ्यक्रम में नाम लिखाने के लिए सामाजिक एवं आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) के छात्र-छात्राओं को 11.25 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए निर्णय लिया है।
इसे इसी शिक्षा वर्ष 2025-26 से राज्य के सभी सरकारी विश्व विद्यालय, सरकारी एवं अनुदानप्राप्त उच्च शिक्षानुष्ठान लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में उक्त प्रस्ताव के साथ 6 प्रस्ताव को अनुमोदन मिला है।
कैबिनेट बैठक के बाद आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि यह आरक्षण व्यवस्था उच्च शिक्षा विभाग अधीन रहने वाले स्नातक, स्नातकोत्तर, शिक्षक शिक्षा एवं कानून पाठ्यक्रम, विद्यालय एवं जनशिक्षा विभाग के उच्च माध्यमिक (प्लस दो), शिक्षक शिक्षा तथा रोजगार आधारित पाठ्यक्रम, खेल एवं युवा सेवा विभाग के बीपीएड, एमपीएड पाठ्यक्रम में लागू होगा। सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को सामाजिक न्याय देने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण के साथ समन्वय रखकर यह कदम उपेक्षित एवं पिछड़े संप्रदाय में शिक्षा की उपलब्धता को बढ़ाएगा।
शिक्षा एवं नौकरी क्षेत्र में आरक्षण को समन्वित करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। इससे नाम लिखाने के अनुपात में वृद्धि होगी।
इसी तरह से पहले की तरह अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 16.25 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 22.5 प्रतिशत, दिव्यांग छात्रों के लिए 5 प्रतिशत, पूर्व सैनिकों के परिवार सदस्य के लिए 1 प्रतिशत सीट आरक्षण व्यवस्था जारी रहेगी।
यहां उल्लेखनीय है कि राज्य में पहले से केवल सरकारी नौकरी क्षेत्र में पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण व्यवस्था थी जबकि उच्च शिक्षा व्यवस्था में इसे लागू नहीं किया गया था।
इसे लेकर विभिन्न राजनीतिक दल एवं फोर मांग कर रहे थे। राज्य सरकार ने अब इस मांग को पूरी कर दिया है। हालांकि मेडिकल, तकनीकी शिक्षा, मैनेजमेंट आदि पाठ्यक्रम में इसे लागू नहीं किया गया है।

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