मांझी कैबिनेट के बड़े फैसले: चलाई जाएंगी 200 इलेक्ट्रिक बसें, किसानों के लिए 1,818 करोड़ रुपये मंजूर
ओडिशा कैबिनेट ने कृषि और विमानन समेत पांच प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इन प्रस्तावों का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना, विमानन क्षेत्र का विकास करना और राज्य के विकास में योगदान देना है। कैबिनेट के इन फैसलों से राज्य में विकास की गति को और तेज किया जा सकेगा।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राज्य मंत्रिमंडल की 29वीं बैठक में आज 5 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में लोक सेवा भवन स्थित सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में 4 विभागों के कुल 5 प्रस्तावों पर चर्चा के बाद उन्हें अनुमोदन प्रदान किया गया।
बैठक के बाद मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने मीडिया को इस संबंध में जानकारी दी। मुख्य सचिव ने बताया कि आज कैबिनेट में जिन प्रस्तावों को मंजूरी मिली है, उनमें मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग का एक, कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग का एक, वाणिज्य एवं परिवहन विभाग का एक और गृह एवं नगर विकास विभाग के दो प्रस्ताव शामिल हैं।
अनुगुल में चलेंगी ई-बसें
आहूजा ने बताया कि अगले 10 वर्षों के लिए राज्य में कुल 200 ई-बसें चलाई जाएंगी। पहले चरण में अनुगुल, झारसुगुड़ा, क्योंझर और बारिपदा में 25-25 नई ई-बसें चलेंगी, जबकि बरहमपुर और संभलपुर में 50-50 बसें संचालित होंगी। इस योजना पर कुल 952.56 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इसके अलावा, आहार योजना का पूरा खर्च राज्य सरकार स्वयं वहन करेगी, जिसके लिए 5 वर्षों की अवधि में 512 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
कृषि और पशु संसाधन योजनाओं को बढ़ावा
मंत्रिमंडल ने पशु संसाधन समृद्धि योजना के अंतर्गत लघु पशु विकास उपयोजना को मंजूरी दी है। यह योजना अगले 4 वर्षों के लिए चलाई जाएगी, जिस पर 294.36 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। इससे 23,735 किसान लाभान्वित होंगे।
राज्य में प्रति व्यक्ति वार्षिक मछली उत्पादन में 5.2 किलोग्राम और मांस उत्पादन में 7.4 किलोग्राम की वृद्धि होने की उम्मीद है। वहीं, फसल विविधीकरण कार्यक्रम के लिए 3 वर्षों में 1,523.98 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
विमानन क्षेत्र के आधुनिकीकरण को प्रोत्साहन
इसी प्रकार, राज्य में विमानन क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास और आधुनिकीकरण के लिए 4.182 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी मिली है।
इस योजना के अंतर्गत हवाई संपर्क, रखरखाव, मरम्मत, कार्गो एवं लॉजिस्टिक्स विकास, तथा नई तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।