ओडिशा SI भर्ती घोटाला: CBI ने संभाली जांच की कमान, मास्टरमाइंड के '1000 करोड़ के सौदे' वाले बयान से बढ़ी सनसनी
ओडिशा एसआई भर्ती घोटाले की जांच अब सीबीआई करेगी। मुख्य आरोपी ने 1000 करोड़ रुपये के सौदे का दावा किया है, जिससे सनसनी फैल गई है। सीबीआई गहन जांच कर रही है और राजनीतिक गलियारों में भी हलचल है। विपक्षी दल निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।

ओडिशा SI भर्ती घोटाला
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने आधिकारिक रूप से ओडिशा पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले की जांच अपने हाथों में ले ली है। बरहमपुर की विजिलेंस कोर्ट ने मंगलवार को सभी संबंधित दस्तावेज केंद्रीय एजेंसी को सौंप दिया है।
यह केस फाइलें, जो पहले गंजाम जिले के गोलंथरा थाने में दर्ज थी और बाद में ओडिशा क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित की गई थी, अब भुवनेश्वर सीबीआई कोर्ट की निगरानी में जांची जाएंगी।
अदालत का यह निर्देश कई गिरफ्तारियों के बाद आया है, जिनमें कथित मास्टरमाइंड शंकर पृष्टी भी शामिल हैं।सोमवार रात पृष्टी और 11 अन्य आरोपियों को बरहमपुर से भुवनेश्वर स्थित झारपाड़ा स्पेशल जेल ले जाया गया, जहां वे न्यायिक हिरासत में हैं।जै
से-जैसे जांच का दायरा बढ़ता गया, इसे क्राइम ब्रांच को सौंपा गया, जिसने गिरफ्तारियां की, पूछताछ की और डिजिटल सबूत जुटाए।
सभी जिम्मेदारियां सीबीआई को दी गई
ओडिशा सरकार के निर्देश के बाद अब सभी जिम्मेदारियां सीबीआई को दे दी गई है। दस्तावेजों का हस्तांतरण पूरा होने के साथ ही केंद्रीय एजेंसी अपनी स्वतंत्र जांच शुरू करेगी।आगे की सभी सुनवाई अब भुवनेश्वर सीबीआइ कोर्ट में होंगी।
मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई को सौंपे गए दस्तावेजों में फोरेंसिक रिपोर्ट, डिजिटल साक्ष्य, जब्ती सूची और क्राइम ब्रांच की पूछताछ रिपोर्ट शामिल हैं।उम्मीद है कि सुनवाई शुरू होने के बाद सीबीआई, प्रमुख आरोपियों की कस्टडी भी मांगेगी।
मास्टरमाइंड के बयान ने बड़े नेटवर्क की ओर इशारा किया
हस्तांतरण की प्रक्रिया के बीच, मुख्य आरोपी शंकर पृष्टी की गिरफ्तारी ने घोटाले के संभावित बड़े नेटवर्क को लेकर अटकलें तेज कर दी हैं।
भुवनेश्वर ले जाए जाने से पहले मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में पृष्टी ने एक रहस्यमय बयान दिया कि उसके पास पिछली सरकार में हुए 1000 करोड़ के सौदे से जुड़े सबूत हैं।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय… अगर मैं सरेंडर नहीं करता, तो 1000 करोड़ का सौदा नहीं होता।यह मैंने नहीं, बल्कि षड्यंत्रकारियों ने किया है।मेरे पास सभी सबूत हैं और मुझे कानून पर भरोसा है। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।
क्राइम ब्रांच की पूछताछ और डिजिटल सबूतों का मिलान
जांच की जिम्मेदारी सीबीआई के संभालने से पहले, क्राइम ब्रांच ने पृष्टी और एक अन्य आरोपी मुन्ना महांति को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की थी।
ताजा रिपोर्टों के अनुसार, अधिकारी डिजिटल फाइलों, बैंक लेन-देन और व्हाट्सएप संदेशों की जांच कर रहे थे, जिनके एन्क्रिप्टेड प्लेटफ़ॉर्म पर साझा किए जाने की आशंका है।अब ये सभी दस्तावेज एसबीआई की साक्ष्य सूची का हिस्सा होंगे।पृष्टी और महांति पर आरोप है कि वे प्रश्नपत्र लीक करवाने और आर्थिक लेन-देन के ज़रिए अभ्यर्थियों के चयन को प्रभावित कर भर्ती परीक्षा में हेरफेर करने के मुख्य पात्र थे।

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