एसआई भर्ती घोटाले में CBI की बड़ी कार्रवाई, बिहार का नीतीश कुमार गिरफ्तार
पुलिस एसआई भर्ती घोटाले में सीबीआई ने बिहार से एक आरोपी नीतीश कुमार को गिरफ्तार कर भुवनेश्वर में पूछताछ शुरू की है। नीतीश, मास्टरमाइंड बिरंचि नायक का ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। पुलिस एसआई भर्ती घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बिहार से एक आरोपी को पकड़कर भुवनेश्वर में पूछताछ शुरू की है। भुवनेश्वर सीबीआई कार्यालय में नीतीश कुमार से सघन पूछताछ जारी है। वरिष्ठ अधिकारी उससे लगातार पूछताछ कर रहे हैं। जानकारी मिलने के बाद कि उसने करीब 600 परीक्षार्थियों को ट्रेनिंग दी थी, सीबीआई ने नीतीश कुमार को गिरफ्तार किया था। नीतीश इस मामले के मास्टरमाइंड बिरंचि नायक का प्रमुख सहयोगी बताया गया है।
इससे पहले सीबीआई अधिकारियों ने 4 आशंकित परीक्षार्थियों से मैराथन पूछताछ की थी। सीबीआई ने उन्हें आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की। रैकेट को लेकर सीबीआई को कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। 8 घंटे पूछताछ के बाद सीबीआई ने उन्हें छोड़ दिया था। बताया जा रहा है कि सीबीआई ने 10 लोगों को समन भेजा था, जिनमें से आज 4 लोग उपस्थित हुए। बाद में बाकी लोग भी सीबीआई के सामने हाजिर हुए।
यह भी सामने आया है कि पुलिस एसआई परीक्षा के संचालन का टेंडर कोलकाता की आईटीआई संस्था को मिला था। बाद में इस संस्था ने दायित्व हैदराबाद की सिलिकॉन टेकलैब प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सौंप दिया। सिलिकॉन ने इसे सब-लेट कर बरहमपुर की पंचसॉफ्ट कंपनी को दे दिया।
सेंटर की निगरानी से लेकर परीक्षा संचालन तक की पूरी जिम्मेदारी पंचसॉफ्ट को दे दी गई थी। जिम्मेदारी मिलने के बाद कंपनी के निदेशक शंकर पृष्टि ने पूरे घोटाले की योजना बनाई। इस अपराध सिंडिकेट में दक्षिण ओडिशा की जिम्मेदारी मुना महांती तथा उत्तरी ओडिशा की जिम्मेदारी अरविंद दास संभाल रहे थे।
3 दलालों की गिरफ्तारी के बाद खुला पूरा मामला
इनके अधीन करीब 10 एजेंट काम करते थे। ये एजेंट आशयित (उम्मीदवार) परीक्षार्थियों को जुटाते थे। मुना, उम्मीदवारों के मूल प्रमाणपत्र लेकर शंकर से संपर्क करता और फिर उन प्रमाणपत्रों को हैदराबाद स्थित कंपनी तक पहुंचाता था। मुना ने 114 उम्मीदवारों से करोड़ों रुपये वसूले थे और उन्हें हैदराबाद की एक संस्था में प्रश्नपत्र से संबंधित प्रशिक्षण दिलवाता था।
योजना के तहत उम्मीदवार पहले भुवनेश्वर के विभिन्न होटलों में रुके थे। 29 अक्टूबर को खंडगिरी से 114 उम्मीदवारों को बसों से विजयनगरम ले जाया गया था। 30 अक्टूबर को बरहमपुर पुलिस ने इन बसों को जब्त कर लिया और 114 उम्मीदवारों के साथ 3 दलालों को गिरफ्तार किया। इसके बाद पूरा मामला उजागर हुआ। इस कार्रवाई के बाद लगभग 110 और उम्मीदवार फरार हो गए थे।

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