Odisha News: मृत बच्चे को बचाने के लिए शरीर को नमक में दफनाया गया, पुलिस के पहुंचते ही रफूचक्कर हुआ ओझा
रोहन की सुबह खेलते वक्त तालाब में गिरने से मौत हो गई तो उसके परिवारवाले उसे अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद एक ओझा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के भद्रक जिले के बासुदेवपुर अस्पताल परिसर से एक चौंकाने वाली घटना समने आई है। यहां ओझा (झाड़ फूंक करने वाला) ने मृत बच्चे को बचाने के लिए शव को नमक में गाड़कर मंत्र-तंत्र किया। बाद में मामले का खुलासा होने पर ओझा अस्पताल परिसर से नौ दो ग्यारह हो गया। अंधविश्वास के चक्कर में पड़े परिवार के लोगों को जिन्हें लग रहा था कि उनका बेटा बच जाएगा, उनकी उम्मीद पानी फिर गया।
तालाब में गिरकर हुई बच्चे की मौत
मृतक की पहचान बासुदेवपुर काशिया मेराइन (समुद्री) थाना अंतर्गत बिदेईपुर गदेबिंधा गांव निवासी रोहितास जेना के पुत्र रोहन के रूप में हुई। रोहन सुबह के समय खेलकूद कर रहा था। इसी दौरान वह अपने घर के पास एक तालाब में गिर गया। परिजन रोहन को बेहोशी की हालत में बासुदेवपुर अस्पताल ले गए, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार के सदस्यों में चीख-पुकार मच गई।

ओझा ने मंत्र से बच्चे को बचाने का किया दावा
तभी, एक ओझा आया और मंत्र द्वारा रोहन को बचाने का दावा करने लगा। बेटे के परिवार ने आंख मूंदकर उसकी बात मान ली। ओझा ने रोहन को अस्पताल परिसर में ही सिर को छोड़कर शरीर के बाकी हिस्सों को नमक से ढक दिया। इसके बाद वहीं पर तंत्र-मंत्र पढ़ने लगा।
पुलिस को देखते ही तांत्रिक हुआ फरार
ओझा के इस चमत्कार को देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई थी, लेकिन स्वाभाविक रूप से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस अस्पताल पहुंची। नतीजतन, ओझा वहां से फरार हो गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर पुलिस जांच पड़ताल कर रही है।
आज विज्ञान के इस जमाने में भी लोग तंत्र-मंत्र, जादू-टोना और झाड़ फूंक को कहीं अधिक मान्यता देते हैं और कई बार बाबाओं के चक्कर में फंसकर अपना सब कुछ गंवा देते हैं। यह ध्यान देने वाली बात है कि इनकी बातों में आकर कुछ पाने की जगह सब गंवाने के अलावा कोई और चारा नहीं बचता है।

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