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    Odisha News: 20 मंजिल से अधिक इमारत बनाने पर लगा प्रतिबंध, अवैध निर्माण होंगे ध्वस्त

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 02:53 PM (IST)

    राउरकेला में आवास परियोजनाओं की कमी के कारण लोग आवंटित घरों में निर्माण नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। प्रशासन ने 20 से अधिक इमारतों पर कार्रवाई की है और काम रोकने के नोटिस दिए हैं। रेरा ने बिना अनुमति के निर्माण पर रोक लगाने की बात कही है। नगर नियोजन विभाग ने कहा है कि अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाएगा।

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    20 मंजिल से अधिक ऊंची इमारतों के निर्माण पर रोक। जागरण फोटो

    जागरण संवाददाता, राउरकेला। राउरकेला शहर में रहने वाले लोगों की आवास जरूरतों को पूरा करने के लिए बसंती कॉलोनी, छेंड, कोयलनगर और सिविल टाउनशिप सहित विभिन्न इलाकों में आवास परियोजनाओं में हजारों घर बनाए गए हैं। जबकि वर्तमान शहरवासियों के लिए कोई नई आवास परियोजना प्रस्तावित नहीं है।

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    जिसके कारण यह देखा जा रहा है कि पहले से आवंटित घरों या भूखंडों में होने वाले निर्माण में नियमों की अनदेखी की जा रही है। क्योंकि उक्त घर या भूखंड के मालिक आने वाले दिनों में सर्वक्षमा योजना के तहत कार्रवाई से बचने को लेकर आशान्वित हैं। सर्वक्षमा योजना के आने पर संदेह व्यक्त किया गया है।

    चूंकि घरों के निर्माण के दौरान नियमों की अनदेखी की गई थी, इसलिए भविष्य में इनके पानी और लाइनें काटे जाने और अवैध निर्माण के ध्वस्त होने की संभावना है। दूसरी ओर प्रशासन ने शहर के मुख्य इलाकों में 20 से अधिक महंगी इमारतों पर नियम के खिलाफ निर्माण पर कार्रवाई की है।

    इन इमारतों पर वार्क स्टॉप का नोटिस चस्पाया गया है। वहीं, आगामी दिनों में निर्माण के लिए नियम को और कड़ा किया जाने की जानकारी प्रशासन की ओर से दी गई है।

    सबसे पहले राउरकेला इस्पात क्षेत्र में कर्मचारियों के लिए 19 से अधिक सेक्टर बनाए गए थे। बाद में शहर का निर्धारण कर 70 के दशक में कोयलनगर का निर्माण किया गया। बाद में बसंती कॉलोनी, छेंड, सिविल टाउनशिप आदि का निर्माण किया गया।

    हालांकि, जिन लोगों को घर आवंटित किए गए थे, वे घर बनाते समय अवैध रूप से अधिक जमीन पर कब्जा करते देखे गए हैं। जिसके कारण प्लानिंग एरिया से बिल्डअप एरिया अधिक था। उक्त भवनों में छतों या बालकनी का निर्माण अवैध रूप से किया गया है।

    इसी तरह कई बहुमंजिला इमारतों को जी 4 निर्माण की अनुमति मिली है, लेकिन यहां पर अधिक मंजिलों का निर्माण किया गया है। हालांकि, रियल स्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) से जानकारी मिली है कि बिना अनुमति के निर्माण अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    नतीजतन, उक्त इमारतों को पंजीकृत करने में बाधाएं आएंगी। हालांकि, यह भी देखा जा रहा है कि लोग सरकारी नियम में खामियों का फायदा उठाने का जुगाड़ कर चुके है। कई मकान मालिक उम्मीद कर रहे हैं कि जब सर्वक्षमा योजना आएगी तो वे शेष राशि का भुगतान करके अपने घरों की रजिस्ट्री करा लेंगे।

    लेकिन प्रशासन के नियोजन विभाग ने इस संबंध में पहले ही कार्यवाही की व्यवस्था की है। नतीजतन, पिछले 3 महीनों में सिविल टाउनशिप सहित विभिन्न क्षेत्रों में 20 से अधिक निर्माणाधीन इमारतों का काम रोक दिया गया है।

    इस बारे में पूछे जानें पर नगर नियोजन विभाग के उप नगर प्लानर शोवेन पटेल ने कहा कि उचित योजना के घरों के निर्माण के लिए अनुमति दी जा रही है। लेकिन ज्यादातर जगहों पर मकान मालिक अवैध रूप से बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कर रहे हैं।

    ज्यादातर ऐसा कार्य कमाई के लिए किया जा रहा है। जो शहरीकरण में बाधा डालेगा। इसे ध्यान में रखते हुए, सिविल टाउनशिप क्षेत्र में कुछ इमारतों पर काम रोकने के आदेश जारी किए गए हैं।

    यदि इस पर मकान मालिकों की ओर से संतोषजनक कार्रवाई नहीं की जाती है, तो अगले चरण में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की प्रक्रिया की जाएगी। पटेल ने कहा कि सर्वक्षमा योजना के आने की कोई निश्चितता नहीं है।

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