विश्व चैंपियनशिप में पुरुष कंपाउंड तीरंदाजी टीम इवेंट के फाइनल में भारत ने फ्रांस को दी मात, अपना पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा
भारतीय पुरुष कंपाउंड तीरंदाजी टीम ने फाइनल में फ्रांस को हराकर विश्व चैंपियनशिप में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। महिला टीम को मिली निराशा को दूर कर दिया जो आठ साल में पहली बार पोडियम पर जगह बनाने में नाकाम रही। व्यक्तिगत वर्ग में आठवें स्थान पर रहने वाले रिषभ यादव ने भी मिक्स्ड टीम स्पर्धा में अनुभवी ज्योति सुरेखा वेन्नम के साथ रजत पदक जीतकर वापसी की।

ग्वांगजू (दक्षिण कोरिया), पीटीआई: भारतीय पुरुष कंपाउंड तीरंदाजी टीम ने रविवार को फाइनल में फ्रांस को हराकर विश्व चैंपियनशिप में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। इस तरह से महिला टीम को मिली निराशा को दूर कर दिया, जो आठ साल में पहली बार पोडियम पर जगह बनाने में नाकाम रही। व्यक्तिगत वर्ग में आठवें स्थान पर रहने वाले रिषभ यादव ने भी मिक्स्ड टीम स्पर्धा में अनुभवी ज्योति सुरेखा वेन्नम के साथ रजत पदक जीतकर वापसी की।
महिला वर्ग में निराशा हाथ लगी, क्योंकि टीम प्री-क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गई और 2017 से लगातार पदक जीतने का उसका अभियान समाप्त हो गया। रिषभ ने अमन सैनी और प्रथमेश फुगे के साथ मिलकर भारत को पुरुष कंपाउंड टीम के खिताबी मुकाबले में फ्रांस पर 235-233 से रोमांचक जीत दिलाई। फ्रांस ने निकोलस गिरार्ड, जीन फिलिप बौल्च और फ्रेंकोइस डुबोइस को मैदान में उतारा, लेकिन भारतीय टीम ने दबाव में भी उल्लेखनीय धैर्य दिखाया।
इसका श्रेय फुगे को जाना चाहिए, जो क्वालीफायर में 19वें और भारतीय खिलाडि़यों में अंतिम स्थान पर रहे थे। इस 23 वर्षीय खिलाड़ी ने पहले चरण में 9-9 का स्कोर बनाया लेकिन इसके बाद उन्होंने लगातार छह परफेक्ट 10 लगाए। इसमें निर्णायक अंतिम तीर भी शामिल था, जिसने भारत के लिए ऐतिहासिक स्वर्ण पदक सुनिश्चित किया। भारत के मुख्य कंपाउंड कोच जीवनजोत सिंह तेजा ने कहा कि यह सिर्फ फुगे की बात नहीं है, बल्कि तीनों खिलाड़ियों ने अपना जज्बा दिखाया और दबाव में आए बिना एक-दूसरे का साथ दिया।
पहले चरण के बाद भारत 57-59 से पीछे था, लेकिन दूसरे चरण में उसने छह 10-10 के साथ वापसी करते हुए स्कोर 117-117 पर बराबर कर दिया। तीसरे चरण में दोनों टीमों ने 59-59 अंक बनाए, जिससे स्कोर 176-176 से बराबर रहा। अंतिम चरण में फ्रांस की टीम लड़खड़ा गई और भारत स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रचने में सफल रहा।
भारत ने फाइनल तक के अपने सफर में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और तुर्की पर प्रभावशाली जीत दर्ज की थी। इससे पहले दिन में यादव और ज्योति को मिक्स्ड टीम फाइनल में नीदरलैंड्स के विश्व नंबर एक माइक श्लोएसर और साने डे लाट की जोड़ी से 155-157 से हार का सामना करना पड़ा।
भारतीय जोड़ी ने पहले चरण के बाद एक अंक की बढ़त बना ली थी, लेकिन दूसरे चरण में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और वे 76-77 से पीछे हो गए। नीदरलैंड्स की जोड़ी ने इसके बाद भी अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखा और छह 10 अंक बनाकर स्वर्ण पदक हासिल किया।
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