सिर्फ खेलों को सपोर्ट नहीं, एक हेल्दी जिंदगी की मुहिम जगाना है ऊषा इंटरनेशनल का मकसद- कोमल मेहरा
ऊषा इंटरनेशनल सिर्फ क्रिकेट ही नहीं बल्कि मलखंभ जैसे स्वदेशी और देसी खेलों को भी बढ़ावा दे रहा है। कंपनी की स्पोर्ट्स इनिशिएटिव हेड कोमल मेहरा के अनुसार उद्देश्य सिर्फ खेलों का समर्थन नहीं बल्कि लोगों को स्वस्थ और सक्रिय जीवन के लिए प्रेरित करना है। व्यूअरशिप चुनौती है लेकिन बदलाव की दिशा सही है।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारत में क्रिकेट की दीवानगी किसी से छुपी नहीं है। इस खेल का नाम ही काफी है। अगर कहा जाए कि क्रिकेट की चमक में कई अन्य खेल पीछे छूट जाते हैं, तो यह गलत नहीं होगा। हालांकि, इन खेलों को सही मंच देने और क्रिकेट के अलावा दूसरे खिलाड़ियों को आगे लाने के प्रयास लगातार हो रहे हैं। कई कंपनियां इसमें सक्रिय भूमिका निभा रही हैं, लेकिन क्रिकेट की लोकप्रियता से पार पाना आसान नहीं है।
ऊषा इंटरनेशनल एक ऐसा ही जाना-पहचाना ब्रांड है, जो क्रिकेट के साथ-साथ कई अन्य खेलों को भी समर्थन दे रहा है। कंपनी का उद्देश्य है कि लोग एक सक्रिय और स्वस्थ जीवन जिएं, और साथ ही भारत के पारंपरिक खेलों को भी एक नई पहचान मिले।
हालांकि, क्रिकेट के समान स्तर की व्यूअरशिप पाना ब्रांड के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिसे कंपनी की स्पोर्ट्स इनिशिएटिव हेड कोमल मेहरा ने भी स्वीकार किया है। बता दें कि ऊषा इंटरनेशनल, छह बार की आईपीएल चैंपियन मुंबई इंडियंस की साझेदार है।
व्यूअरशिप की चुनौती
दैनिक जागरण ऑनलाइन से बात करते हुए कोमल ने कहा, "मुझे लगता है कि आयोजकों और खेल से संबंध रखने वाले लोगों के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण नहीं है। मैं इसे व्यूअरशिप के नजरिए से भी ज्यादा चैलेजिंग नहीं कहूंगी, लेकिन हां अगर आप क्रिकेट की तुलना में ज्यादा से ज्यादा व्यूअरशिप की बात करें तो थोड़ा चुनौतीपूर्ण है। लेकिन हमने हाल के समय में अच्छे बदलाव देखे हैं, जैसे खेलो इंडिया।"
उन्होंने कहा, "हमने देखा कि लोग दूसरे खेलों को भी आगे ले जा रहे हैं और उनके बारे में बात कर रहे हैं, स्वदेशी खेल जिनको हम सपोर्ट करते हैं उनके बारे में बात कर रहे हैं। ये बदलाव हम खेल के मैदान में देख रहे हैं। जाहिर तौर पर जब आप क्रिकेट की तुलना में बाकी खेलों को देखते हैं तो ये चुनौतीपूर्ण होता है।"
लोगों को खेलों के मैदान पर लाना मकसद
कोमल कहती हैं कि खेलों को सपोर्ट करने के पीछे उनकी कंपनी का मुख्य मकसद लोगों को खेलों के मैदान पर लाना और हेल्दी जीवन जीने कि लिए प्रेरित करना है। कोमल ने कहा, "ऊषा एक ब्रांड के तौर पर किसी खेल की ऑथॉरिटी नहीं लेता है। हम ये नहीं कहते कि हम सिर्फ क्रिकेट को सपोर्ट करते हैं या गोल्फ को सपोर्ट करते हैं। सपोर्ट करने के पीछे हमारी सोच है कि लोग खेलें। हम चाहते हैं कि लोग हेल्दी और सक्रिया होकर जिंदगी जीएं। हां ये सरल नहीं होता है, क्रिकेट में सब सुछ तय है, कहां होना, कहां खेलना है, क्या करना है, लेकिन जब आप मलखम जैसे स्पोर्ट की बात करते हैं तो पहले आपको बताना पड़ता है कि ये खेल ऐसा है, इसके नियम ऐसे हैं, ऐसे खेला जाता है।"
उन्होंने कहा, "खासकर जब रूलर स्पोर्ट्स की बात आती है तो वह सजग रहते हैं। जब कॉरपोरेट्स आते हैं तो थोड़े असहज से हो जाते हैं। तो हम अपनी सोच में काफी क्लियर हैं कि हम खेल को नहीं बदलेंगे। हम नियम थोपेंगे नहीं, हम उन्हें वैसा ही रहने देंगे जैसे हैं उनकी एथॉरिटी को मैंनटेन करेंगे। हम सिर्फ खेल को बढ़ाते हैं। हम साफ कर देते हैं कि खेल को सपोर्ट करने आए हैं इसे बदलने नहीं।"
आगे की प्लानिंग
ऊषा इंटरनेशनल गोल्फ से लंबे समय से जुड़ा हुआ है और हल हाल दिल्ली गोल्फ क्लब में अलग-अलग कैटेगरी में चैंपियनशिप आयोजित करता है। अब ये ब्रांड अपना दायरा बढ़ा रहा है और नॉर्थईस्ट तक पहुंच रहा है। ऊषा इंटरनेशनल की आगे की प्लानिंग और कार्यक्रम के बारे में जब कोमल से पूछा गया तो उन्होंने कहा, "हमने मुंबई इंडियंस के साथ अगले दो साल का करार और किया है। हमने 14 से 16 स्वदेशी खेलों के जमीनी स्तर के कार्यक्रम की प्लानिंग। जिसमें नॉर्थईस्ट में मार्शल आर्टस के प्रोग्राम शामिल हैं। साउथ में भी हमने कई खेलों के कार्यक्रम तय किए हैं।"
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