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    130वें संविधान संशोधन विधेयक के लिए गठित JPC में शामिल नहीं होगी TMC, समिति के बताया तमाशा

    लोकसभा में अमित शाह ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक को जेपीसी को भेजने की सिफारिश की। तृणमूल कांग्रेस ने जेपीसी में सदस्य नामित न करने का एलान किया है। विधेयक के अनुसार मंत्री मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री को जेल जाने पर 30 दिन में इस्तीफा देना होगा अन्यथा पद रिक्त माना जाएगा।

    By Digital Desk Edited By: Deepak Gupta Updated: Sat, 23 Aug 2025 01:24 PM (IST)
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    130वें संविधान संशोधन विधेयक के लिए गठित JPC में शामिल नहीं होगी TMC

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक (130th Constitutional Amendment Bill) को पेश करते हुए ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेजने की सिफारिश की। जिसके बाद इसे जेपीसी में भेज दिया गया।

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    तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने जेपीसी के गठन को लेकर बड़ा एलान किया है। टीएमसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पार्टी 130वें संविधान संशोधन विधेयक पर जेपीसी में किसी सदस्य को नामित नहीं करेगी। साथ ही उसने समिति को तमाशा बताया है।

    ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी

    बता दें कि ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सांसद होंगे। कमेटी को आगामी शीतकालीन सत्र के पहले अपनी रिपोर्ट देनी होगी। जेपीसी अपनी रिपोर्ट स्पीकर के सामने पेश करती है और अंतिम फैसला स्पीकर ही लेते हैं। सरकार को अगर लगता है कि जेपीसी की रिपोर्ट राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है तो वो उसे रोक भी

    सकती है।

    130वां संविधान संशोधन विधेयक

    गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में 130वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। जिसको लेकर काफी हंगामा मचा हुआ है। इस विधेयक में कहा गया है कि किसी भी मंत्री, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को जेल जाने पर 30 दिन के भीतर खुद इस्तीफा देना होगा।

    30 दिन जेल में रहने पर जाएगी कुर्सी

    इस्तीफा नहीं देने की स्थिति में 31वें दिन उसका पद स्वत: रिक्त माना जाएगा। ऐसे आरोप जिसमें कम से कम पांच साल की सजा का प्रविधान है उसमें लगातार 30 दिन जेल रहने पर होगी कार्रवाई।

    बेल मिलने पर दोबारा मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बन सकता है। पूरे देश में इसे एक साथ लागू करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश अधिनियम 1963 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में भी जरूरी संशोधन किये जाएंगे। इन दोनों अधिनियम में संशोधन से संबंधित विधेयक भी पेश किया गया है।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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