'अगर केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया होता...' मंत्रियों की बर्खास्तगी से जुड़े विधेयक को लेकर अमित शाह का बड़ा बयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जेल में बंद मंत्रियों को बर्खास्त करने वाले विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा दे दिया होता तो इस नए विधेयक की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। उन्होंने विपक्ष से संवैधानिक नैतिकता का पालन करने का आग्रह किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जेल में बंद मंत्रियों को बर्खास्त करने संबंधी विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा दे दिया होता, तो इस नए विधेयक की जरूरत नहीं पड़ती। अमित शाह ने कहा कि संवैधानिक नैतिकता का पालन विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों को करना चाहिए।
दरअसल अमित शाह केरल में मनोरमा न्यूज कॉन्क्लेव में पहुंचे थे। यहां उनसे जब बिल को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि क्या देश की जनता चाहती है कि कोई मुख्यमंत्री जेल में रहकर सरकार चलाए? यह कैसी बहस है? मुझे समझ नहीं आ रहा। यह नैतिकता का सवाल है।
शाह ने बताई बिल की जरूरत
बता दें कि केंद्र सरकार ने संसद में तीन बिल प्रस्तुत किए थे, जिसमें प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री या मंत्री को गंभीर आपराधिक आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार या हिरासत में रखने पर पद से हटाने का प्रावधान है। विपक्ष ने इसका विरोध किया था और बिल को मनमाना बताया था।
अमित शाह ने इसी मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि विपक्ष पूछ रहा है कि इसे पहले संविधान में क्यों नहीं शामिल किया गया। क्योंकि जब संविधान का मसौदा तैयार हुआ था, तब किसी ने अनुमान नहीं लगाया था कि जेल जा चुके लोग भी निर्वाचित पदों पर बने रहेंगे। शाह ने कहा कि एक घटना हुई है, जिसमें मुख्यमंत्री ने जेल से सरकार चलाई है।
शाह ने कहा, 'मेरा मानना है कि लोकतंत्र में नैतिकता का स्तर बनाए रखना दोनों पक्षों की ज़िम्मेदारी है।' वहीं आज बिहार पहुंचे पीएम मोदी ने भी इन बिलों का समर्थन करते हुए कहा कि कई लोग संवैधानिक मर्यादाओं की धज्जियां उड़ा रहे हैं। गौरतलब है कि बिल को जेपीसी के पास भेज दिया गया है।
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