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    बिहार में NDA की जीत के बीच BJP के मंत्री का 'गोभी खेती' वाला पोस्ट वायरल, आखिर क्यों मचा बवाल?

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 09:53 PM (IST)

    बिहार चुनाव के बीच असम के मंत्री की 'गोभी खेती' पोस्ट ने विवाद खड़ा कर दिया। यह पोस्ट 1989 के भागलपुर नरसंहार की याद दिलाती है, जिसमें मुस्लिमों को गोभी के खेत में दफनाया गया था। विपक्ष ने इसे शर्मनाक और हिंसा भड़काने वाला बताया, जबकि अन्य नेताओं ने भी इसकी आलोचना की और समावेशी भारत में ऐसी सोच के लिए कोई जगह नहीं होने की बात कही।

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    बिहार में NDA की जीत के बीच BJP के मंत्री का गोभी खेती वाला पोस्ट वायरल (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शुक्रवार दोपहर जब बिहार चुनाव की गिनती में एनडीए को बड़ी जीत मिलती दिख रही थी, उसी समय असम सरकार के एक मंत्री ने सोशल मीडिया पर एक ऐसी पोस्ट डाली जिसने देशभर में गुस्सा और बहस छेड़ दी। पोस्ट में गोभी के खेत की एक तस्वीर थीऔर यही तस्वीर लोगों को सीधे 1989 के भागलपुर नरसंहार की दर्दनाक याद दिला गई।

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    1989 का काला सच

    असम के स्वास्थ्य और सिंचाई मंत्री अशोक सिंघल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्सपर लिखा, "बिहार गोभी खेती को मंजूरी देता है।" पहली नजर में यह पोस्ट चुनाव से बिल्कुल मेल नहीं खाती थी, लेकिन दोबारा देखने पर बात समझ आई।

    दरअसल, 1989 के भागलपुर नरसंहार में बड़ी संख्या में मुसलमान मारे गए थे। लोगईन गांव में 116 मुस्लिमों के शव एक खेत में दफनाए गए थे और ऊपर गोभी के पौधे लगाए गए थे ताकि हत्या के सबूत छिपाए जा सकें।

    मानवाधिकार समूह 'Diaspora in Action for Human Rights and Democracy' ने भी इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि आजकल कुछ दक्षिणपंथी डिजिटल समूहों में यह 'गोभीखेती' का संकेत मुस्लिमों के खिलाफ सांकेतिक उकसावे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

    नहीं हटाया पहला पोस्ट

    कुछ देर बाद मंत्री सिंघल ने एक और पोस्ट किया जिसमें उन्होंने बिहार में एनडीए की जीत का श्रेय अमित शाह को दिया। उन्होंने कहा कि अमित शाह नेसामाजिक इंजीनियरिंग और सांस्कृतिक पहुंच बढ़ाकर एनडीए का आधार मजबूत किया।लेकिन बढ़ते विवाद के बावजूद सिंघल ने अपना पहला गोभी खेती वाला पोस्ट न तो हटाया और न ही बदला।

    विपक्ष का तीखा हमला

    कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में डिप्टी लीडर गौरव गोगोई ने इस पोस्ट को विकृत और शर्मनाक कहा। उन्होंने कहा कि यह पोस्ट 1989 की उस घटना को हल्के में लेने जैसा है जिसमें लोगईन गांव में 116 मुसलमानों की हत्या की गई थी।

    कांग्रेस के बिहार के किशनगंज से सांसद मोहम्मद जावेद ने कहा कि भाजपा-आरएसएस के लोग केवल मुस्लिम नफरत को बढ़ावा देते हैं। वरिष्ठ सुप्रीम कोर्ट वकील संजय हेगड़े ने इसे हिंसा भड़काने वाला बताया और कहा कि यह संविधान की शपथ का अपमान है।

    अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

    एक यूजर के ट्वीट का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि एक समावेशी भारत में ऐसी सोच की कोई जगह नहीं। उन्होंने साफ कहा कि हिंदू धर्म और राष्ट्रवाद किसी भी तरह की हत्या या नफरत को मंजूरी नहीं देता।

    तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने भी कहा कि गोभी खेती का मतलब 1989 में मुस्लिमों की हत्या का महिमामंडन करना हैऔर यह पोस्ट किसी ‘फ्रिंज’ नेता का नहीं बल्कि मोदी सरकार के एक मंत्री का है।

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