'मैं साइन नहीं करूंगा, ये EC का डेटा है', सबूत सौंपने के बजाय राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर क्या लगाए आरोप?
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। बिहार मतदाता सूची में वोट चोरी के आरोपों पर विपक्षी सांसदों ने सरकार को घेरा और चुनाव आयोग तक मार्च निकाला जिसके दौरान कई सांसद हिरासत में लिए गए। राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग का डेटा है उनका नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सिर्फ बेंगलुरु में नहीं बल्कि देश के अन्य क्षेत्रों में भी हुआ है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार मतदाता सूची और वोटर लिस्ट में हुए तथाकथित 'वोट चोरी' के आरोपों पर विपक्षी सांसदों ने आज सरकार को घेरने की कोशिश की। सांसदों ने संसद से लेकर चुनाव आयोग तक मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने कई सांसदों को हिरासत में ले लिया।
मार्च के दौरान लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से पूछा गया कि चुनाव आयोग ने आपको नोटिस का जवाब देने को कहा है और आप जवाब नहीं दे रहे हैं। राहुल गांधी ने इस पर जवाब देते हुए कहा, ये चुनाव आयोग का डेटा है, मेरा डेटा थोड़ी है जो मैं साइन करूं। हमने आपको ही दिया है। आप अपनी वेबसाइट पर डाल दीजिए, सबको पता चल जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि ये सिर्फ बेंगलुरु में नहीं, देश के अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्र में हुआ है। चुनाव आयोग जानता है कि उसका डेटा फटेगा, इसलिए उसे कंट्रोल और छिपाने की कोशिश हो रही है।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से मांगे सबूत
बता दें कि चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से सबूत और शपथ पत्र पर हस्ताक्षर मांगे हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि या तो राहुल गांधी तथाकथित 'वोट चोरी' के सबूत पेश करें या वो देश की जनता से माफी मांगे।
VIDEO | Leader of Opposition in the Lok Sabha and Congress MP Rahul Gandhi, when asked about the Election Commission’s request for him to sign an oath/affidavit over his allegation of 'vote theft', says, "Why should I sign an oath? This is their data, not mine. They should take… pic.twitter.com/usAuenQjX5
— Press Trust of India (@PTI_News) August 11, 2025
मार्च के दौरान राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि लड़ाई राजनीतिक नहीं, बल्कि संविधान बचाने की है। यह लड़ाई वन मैन, वन नोट के लिए है। हम एक साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहते हैं।
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