वोटर लिस्ट के सवाल पर संसद के अंदर-बाहर बवाल, बिहार में मतदाता पुनरीक्षण मुद्दे पर आक्रामक विपक्ष
लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर संसद में जनहित के मुद्दों पर चर्चा के बजाय पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक टकराव दिखा। बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा हुआ जिससे कार्यवाही बाधित हुई। विपक्ष ने आरोप लगाया कि बिहार में वोटरों के नाम गलत तरीके से हटाए जा रहे हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकतंत्र की सबसे बड़ी पंचायत संसद में मंगलवार को जनहित के विषयों पर विमर्श नहीं, बल्कि पक्ष-विपक्ष की सियासी तस्वीरें दिखीं। दोनों सदनों में दिनभर शोर-शराबा, नारेबाजी और टकराव में ही बीत गया।
संसद भवन परिसर राजनीतिक गतिरोध-प्रतिरोध का अखाड़ा बना रहा। बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा जमकर हंगामा किया।
कार्यवाही शुरू होते ही वेल में आकर नारेबाजी और हंगामा ने सदनों को बाधित कर दिया। विपक्षी सांसद तख्तियां लेकर आए थे, जिसमें बिहार में एसआईआर को लेकर तरह-तरह के नारे लिखे थे। दोनों सदनों की कार्यवाही को दिनभर बार-बार स्थगित करना पड़ा।सुबह दस बजे से पहले ही संसद परिसर का सियासी माहौल गर्म हो चुका था।
पूरा विपक्ष दिखा एकजुट
वर्तमान लोकसभा का यह चौथा सत्र चल रहा है, मगर पहली बार पूरा विपक्ष एकजुट दिख रहा है। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, तृणमूल सांसद डेरेक ओ.ब्रायन समेत वामदलों, राजद, आम आदमी पार्टी एवं डीएमके के सदस्यों ने संसद भवन के गेट के पास विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। सबका स्वर एक था और तेवर तल्ख।
आरोप था कि बिहार में दुर्भावना के तहत वोटर लिस्ट से नाम हटाए जा रहे हैं और नए वोटरों को शामिल कर सत्तारूढ़ पार्टी चुनावी हेराफेरी करने के प्रयास में है। परिसर में जिस वक्त विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन चल रहा था, उसी समय संसद भवन की तीसरी मंजिल पर राजग संसदीय दल की बैठक चल रही थी।
नाटकीय हुआ नजारा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं अन्य सहयोगी दलों के नेता शामिल थे। रणनीति साफ थी कि विपक्ष के प्रतिरोध और हंगामे के बावजूद विधायी कार्य को आगे बढ़ाना है। बैठक खत्म होते ही राजग सांसद समूह में बाहर निकलकर सीधे लोकसभा की ओर बढ़ने लगे। नजारा नाटकीय हो गया।
एक ओर विपक्ष नारे लगा रहा था तो दूसरी ओर राजग सांसद समूह में चुपचाप सदन की ओर बढ़ रहे थे। कुछ देर के लिए संसद भवन परिसर दो ध्रुवों में बंटा दिखा।इसके बाद 11 बजे जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस, राजद एवं वामदलों के सांसद वेल में पहुंच गए। अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को 10 मिनट के भीतर स्थगित कर दिया।
बार-बार स्थगित हुई सदन की कार्रवाई
राज्यसभा की स्थिति भी अलग नहीं थी। दोनों सदनों को बार-बार स्थगित करना पड़ा। हालांकि विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा ने गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों को आरक्षण देने वाला विधेयक को बिना विमर्श के ध्वनिमत से पारित कर दिया।
संपूर्ण विपक्ष इस पर अड़ा है कि एसआईआर पर संसद में बहस हो और इसकी समीक्षा स्वतंत्र एजेंसी से हो तभी सदन चलेगा, जबकि सत्ता पक्ष का कहना है कि विपक्ष लोकतंत्र का गला घोंट रहा है और जरूरी विधेयकों को रोकने का षड्यंत्र कर रहा है।
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