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    राहुल गांधी की 'जान को खतरा' किससे? कोर्ट में किए गए दावे में नया मोड़, वकील ने बताई पूरी बात

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 11:27 PM (IST)

    Rahul Gandhi Claims Life Threat In Pune Court लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पुणे की एक अदालत में चल रहे मानहानि के मामले में जान का खतरा होने का दावा किया है। राहुल के वकील ने अदालत में एक अर्जी देकरबताया कि हमारे वादी को महाराष्‍ट्र सरकार सुरक्षा प्रदान करें।

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    'गोडसे के वंशज' से जान को खतरा', राहुल गांधी ने मानहानि मामले में कोर्ट में क्‍या कहानी सुनाई?

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।

    लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के वकील ने उनसे बिना पूछे ही पुणे की एक अदालत में उन्हें वादी से जान का खतरा बताते हुए आवेदन प्रस्तुत करने के कुछ ही घंटे बाद यह कहते हुए यू-टर्न ले लिया कि उसने यह आवेदन राहुल गांधी से पूछे बगैर दाखिल किया था। वकील के अनुसार राहुल गांधी ने इस आवेदन पर गहरी असहमति व्यक्त की है। इसलिए वह गुरुवार को कोर्ट में पेश यह आवेदन वापस ले लेंगे।

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    मानहानि का मुकदमा दायर

    पुणे की विशेष एमपी/एमएलए अदालत में राहुल गांधी के विरुद्ध स्वातंत्र्य वीर सावरकर के पौत्र सात्यकि सावरकर ने मानहानि का मुकदमा दायर कर रखा है। बुधवार को राहुल गांधी के वकील मिलिंद दत्तात्रेय पवार ने राहुल गांधी की तरफ से उसी कोर्ट में एक आवेदन कर वादी सात्यकि सावरकर की वंशानुगत पृष्ठभूमि को देखते हुए उनसे राहुल गांधी को जान का खतरा बताया।

    आवेदन में कहा गया है कि उनकी हाल की राजनीतिक लड़ाइयों एवं उनके खिलाफ मानहानि मामले में शिकायतकर्ता सात्यकि सावरकर की वंशानुगत पृष्ठभूमि को देखते हुए उन्हें उनसे जान का खतरा है।

    राहुल गांधी को जान का खतरा किससे?

    आवेदन में उल्लेख किया गया है कि कोर्ट में इसी वर्ष 29 जुलाई को प्रस्तुत एक लिखित बयान में सात्यकि सावरकर ने स्पष्ट रूप से माना है कि उनका मातृपक्ष महात्मा गांधी की हत्या के मुख्य अभियुक्त नाथूराम गोडसे और गोपाल गोडसे का, एवं पितृपक्ष विनायक दामोदर सावरकर का वंशज है। बता दें कि सात्यकि सावरकर की माता हिमानी सावरकर नाथूराम गोडसे के भाई गोपाल गोडसे की पुत्री थीं। उनका विवाह विनायक दामोदर सावरकर के भतीजे अशोक नारायण सावरकर से हुआ था।

    राजनीतिक आंदोलनों का भी उल्लेख

    आवेदन में कहा गया है कि महात्मा गांधी की हत्या आवेग में किया गया कोई कृत्य नहीं था। बल्कि यह एक विशिष्ट विचारधारा पर आधारित एक सुनियोजित षड्यंत्र का परिणाम था। जिसकी परिणति एक निहत्थे व्यक्ति के विरुद्ध जानबूझकर की गई हिंसा में हुई। आवेदन में इन दिनों राहुल गांधी द्वारा चलाए जा रहे राजनीतिक आंदोलनों का भी उल्लेख किया गया है।

    सार्वजनिक धमकियों का भी उल्लेख

    इसमें 11 अगस्त को संसद में राहुल गांधी द्वारा 'वोट चोर सरकार' का नारा देना एवं मतदाता सूची में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाले दस्तावेज सामने लाना भी शामिल है। आवेदन में राहुल गांधी को मिली दो सार्वजनिक धमकियों का भी उल्लेख है। इनमें से एक केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा राहुल गांधी को देश का नंबर एक आतंकवादी कहना और दूसरी भाजपा नेता तरविंदर सिंह मारवाह द्वारा उन्हें दी गई धमकी शामिल है।

    मुस्लिम व्यक्ति पर हमले

    बता दें कि सात्यकि सावरकर ने राहुल गांधी पर मानहानि का यह मुकदमा उनके द्वारा 2023 की अपनी लंदन यात्रा के दौरान उनके एक भाषण का उल्लेख करते हुए दायर किया है। सात्यकि के अनुसार इस भाषण में राहुल गांधी ने विनायक दामोदर सावरकर के लेखन में एक घटना का उल्लेख किया किया था, जिसमें सावरकर एवं अन्य लोगों ने कथित तौर पर एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमले से आनंद की अनुभूति होने की बात कही गई थी।

    मुआवजे की मांग की थी

    सात्यकि सावरकर ने उनके इस भाषण में की गई टिप्पणियों को झूठी, भ्रामक और मानहानिकारक बताते हुए उनके विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उन्होंने गांधी को आईपीसी की धारा 500 के तहत दोषी ठहराए जाने और सीआरपीसी की धारा 357 के तहत मुआवजे की मांग की थी। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को रखी है।

    यह भी पढ़ें- राहुल गांधी के किन-किन बयानों पर कब-कब मचा बवाल? अदालत भी पहुंचे मामले; सुप्रीम कोर्ट ने लगाई लताड़

    राज्य ब्यूरो (मुंबई) इनपुट के साथ