SIR देशभर में क्यों जरूरी, चुनाव आयोग ने बताई महत्वपूर्ण बात; मतदाताओं को मिलेगी क्या-क्या सुविधा?
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि 12 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का दूसरा चरण शुरू हो रहा है। बिहार में पहले चरण में 7.5 करोड़ मतदाताओं ने भाग लिया। स्वतंत्रता के बाद यह नौवां SIR अभियान है, जो 21 साल बाद हो रहा है। इसका उद्देश्य मतदाता सूची को त्रुटि रहित बनाना है, जिसमें मृत और स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाना शामिल है। आयोग ने मतदाताओं की सुविधा के लिए कई कदम उठाए हैं।
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चुनाव आयोग ने बताई महत्वपूर्ण बात (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अब विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का दूसरा चरण शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में बिहार में बड़ी सफलता मिली, जहां 7.5 करोड़ मतदाताओं ने भाग लिया।
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि स्वतंत्रता के बाद अब तक यह नौवां SIR अभियान है। पिछली बार यह 21 साल पहले 2002 से 2004 के बीच किया गया था। इस दौरान देशभर के चुनाव अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की गई है।
क्यों जरूरी है SIR?
- CEC के अनुसार, कानून के तहत मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण हर चुनाव से पहले या आवश्यकता पड़ने पर किया जाता है। राजनीतिक दलों ने बार-बार मतदाता सूची की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए हैं।
- पिछले दो दशकं में लोगों के बार-बार स्थानांतरण, मृत मतदाताओं के नाम हटाने में देरी और एक व्यक्ति के कई जगह नाम दर्ज होने जैसी समस्याएं सामने आई हैं। इसी कारण इस बार यह व्यापक प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
किन अधिकारियों पर होगी बड़ी जिम्मेदारी?
हर मतदान केंद्र पर लगभग एक हजार मतदाता होते हैं, जिनकी देखरेख बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) करते हैं। हर विधानसभा क्षेत्र के लिए एक इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) होता है, जो उपमंडल अधिकारी स्तर का अधिकारी होता है।
ERO का काम होता है ड्राफ्ट मतदाता सूची तैयार करना, दावे और आपत्तियां सुनना तथा अंतिम सूची प्रकाशित करना। हर तहसील में सहायक ERO (AERO) भी नियुक्त रहते हैं। यदि किसी को आपत्ति होती है तो पहली अपील जिलाधिकारी के पास और दूसरी अपील मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास की जा सकती है।
कैसे चलेगी SIR की प्रक्रिया?
- इस अभियान में ERO और AERO 27 अक्टूबर 2025 तक प्रत्येक मतदाता के लिए यूनिक एन्यूमरेशन फॉर्म (EF) छापेंगे। यह फॉर्म मतदाता सूची के मौजूदा विवरण पर आधारित होगा।
- BLO घर-घर जाकर यह फॉर्म बाटेंगे, मतदाताओं की मदद करेंगे और तीन बार तक घर जाकर जानकारी जुटाएंगे।
- जो मतदाता नए हैं, वे फॉर्म 6 और घोषणा फॉर्म भर सकते हैं। मृत, स्थानांतरित या दोहरी पंजीकरण वाले मतदाताओं की पहचान की जाएगी। शहरी या प्रवासी मतदाता चाहें तो ऑनलाइन भी फॉर्म भर सकते हैं।
ड्राफ्ट और फाइनल लिस्ट तैयार करने की प्रक्रिया
- BLO द्वारा जमा किए गए फॉर्मों के आधार पर ड्राफ्ट मतदाता सूची तैयार की जाएगी। जिन मतदाताओं के नाम पुराने SIR से मेल नहीं खाते, उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा।
- ERO और AERO उनके दावे सुनकर तय करेंगे कि नाम सूची में शामिल किया जाए या नहीं। इसके बाद DM और CEO अपीलों की सुनवाई करेंगे।
- अंतिम सूची प्रकाशन से पहले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और बूथ एजेंटों (BLA) से भी सलाह ली जाएगी।
EC ने दी ये सुविधा
आयोग ने कहा है कि वरिष्ठ नागरिकों, बीमार, दिव्यांग और गरीब मतदाताओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे। साथ ही, एक मतदान केंद्र में अधिकतम 1200 मतदाता ही रखे जाएंगे और नई कॉलोनियों या झुग्गी बस्तियों में नए मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।

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