'भेदभाव हो रहा है', कोयंबटूर और मदुरै में मेट्रो की मांग को लेकर स्टालिन ने PM मोदी को लिखा पत्र
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कोयंबटूर और मदुरै मेट्रो रेल परियोजना में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। केंद्र द्वारा प्रस्ताव खारिज करने पर स्टालिन ने भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या के आधार पर प्रस्ताव को अस्वीकार करना गलत है, क्योंकि कोयंबटूर की आबादी पहले ही 20 लाख से अधिक है। स्टालिन ने पीएम से व्यक्तिगत रूप से दखल देने की मांग की है।
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कोयंबटूर और मदुरै में मेट्रो की मांग को लेकर स्टालिन ने PM मोदी को लिखा पत्र (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोयंबटूर और मदुरै जिलों के मेट्रो रेल प्रस्ताव पर तुरंत दखने देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वे जरूरत पड़ने पर दिल्ली आकर पूरी बात विस्तार से समझाने को तैयार हैं।
स्टालिन का यह कदम तब सामने आया जब केंद्र के हाउसिंग मंत्रालय ने इस मेट्रो प्रस्ताव को कुछ कमियों का हवाला देकर वापस लौटा दिया। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने केंद्र पर भेदभाव करने का आरोप लगाया।
स्टालिन ने पत्र में क्या लिखा?
सीएम स्टालिन ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा कि मंत्रालय का फैसला उचित नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव इसलिए खारिज किया गया क्योंकि मेट्रो रेल पॉलिसी 2017 के अनुसार शहर की आबादी 20 लाख होना जरूरी है।
स्टालिन ने दावा किया कि कोयंबटूर का LPA क्षेत्र 2011 में ही 20 लाख से ऊपर पहुंच चुका था और मदुरै की आबादी भी अब इस मानक के पास है। इसलिए इस आधार पर प्रस्ताव खारिज करना गलता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मानक सभी शहरों पर लागू होता तो आगरा, इंदौर और पटना जैसे कई टियर-2 शहरों में मेट्रो नहीं बन पाती।
स्टालिन ने लगाया भेदभाव का आरोप
स्टालिन ने कहा कि इस चुनिंदा मानक से राज्य के शहरों के साथ भेदभाव का संदेश जा रहा है। उन्होंने पीएम मोदी से अपील की कि केंद्र इन शहरों के साथ भी वही व्यवहार करे, जैसा ऊपर बताए गए शहरों के साथ किया गया।
उन्होंने कहा कि राज्य का डिपार्टमेंट ऑफ स्पेशल इनिशिएटिव मंत्रालय द्वारा उठाई गई सभी आपत्तियों का विस्तृत जवाब देगा। साथ हीअनुरोध किया कि हाउसिंग मंत्रालय प्रस्ताव वापस लेने के अपने फैसले पर फिर से विचार करे।
BJP का पलटवार
स्टालिन ने लिखा कि इन दोनों शहरों के लोग मेट्रो को लेकर बड़ी उम्मीदें रखते हैं, इसलिए पीएम का व्यक्तिगत दखल जरूरी है। DMK ने कोयंबटूर और मदुरै में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए। पार्टी ने केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाया। वहीं BJP का कहना है कि DMK मुद्दे पर राजनीति कर रही है और राज्य सरकार ने गलत DPR भेजी, जिसके कारण भ्रम पैदा हुआ।

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