19 साल बाद साथ आए ठाकरे ब्रदर्स, राजनीतिक गठबंधन की संभावना तेज; क्या होंगे सियासी समीकरण?
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच राजनीतिक गठबंधन की संभावना बढ़ गई है। उद्धव ठाकरे राज ठाकरे से मिलने उनके आवास पर गए और सवा दो घंटे तक बातचीत की। माना जा रहा है कि यह बातचीत राज ठाकरे को महाविकास अघाड़ी में शामिल करने को लेकर थी क्योंकि महाराष्ट्र में जल्द ही स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं।

राज्य ब्यूरो, मुंबई। करीब 19 साल तक राजनीतिक रूप से अलग रहे महाराष्ट्र के ठाकरे बंधु उद्धव और राज ठाकरे अब राजनीतिक गठबंधन की ओर बढ़ रहे हैं। बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई राज ठाकरे से मिलने उनके घर पहुंचे।
दोनों के बीच सवा दो घंटे तक बातचीत हुई। माना जा रहा है कि यह बातचीत राज ठाकरे को महाविकास अघाड़ी में शामिल करने को लेकर हुई।
उद्धव ठाकरे आज अपने दोनों सहयोगियों संजय राउत और अनिल परब के साथ राज ठाकरे के आवास 'शिवतीर्थ' पहुंचे। राज ठाकरे का आवास उसी ऐतिहासिक शिवाजी पार्क के ठीक सामने स्थित है, जहां शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना से लेकर अपने स्वास्थ्य लाभ तक लगातार विजयादशमी के दिन शिवसैनिकों को संबोधित किया था।
अब उस परंपरा को विभाजित शिवसेना यानी शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे आगे बढ़ा रहे हैं। कुछ दिन पहले ही उद्धव और राज महाराष्ट्र में प्राथमिक कक्षाओं से हिंदी की पढ़ाई अनिवार्य करने के विरोध में पहली बार एक मंच पर आए थे।
इसके बाद, पिछले महीने राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की बधाई देने उनके बांद्रा स्थित घर 'मातोश्री' गए थे। आज, उद्धव अपने दो सहयोगियों के साथ राज ठाकरे के घर पहुँचे, जिससे रिश्तों में और मधुरता आई।
राज के घर पर दोनों भाइयों के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा शिवसेना (उत्तर प्रदेश) या राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया है। लेकिन माना जा रहा है कि दोनों के बीच बातचीत का विषय राज ठाकरे को विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में शामिल करना था। क्योंकि महाराष्ट्र में जल्द ही स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं।
एमवीए का एक प्रमुख घटक दल कांग्रेस, उद्धव की राज से बढ़ती नज़दीकियों पर स्पष्टता चाहती है। उद्धव ने एक दिन पहले ही कांग्रेस नेताओं के साथ चर्चा की थी। कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि राज ठाकरे को एमवीए में शामिल करने का फैसला उसका आलाकमान लेगा।
कांग्रेस नहीं चाहती कि मुंबई नगर निगम चुनाव में उसे अपनी पुरानी सीटों में कोई कमी करनी पड़े। राज ठाकरे एमवीए में शामिल हों या नहीं, उन्हें शिवसेना (यूबीटी) के हिस्से से सीटें मिलनी चाहिए।
माना जा रहा है कि बुधवार को हुई बैठक में उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे को शिवसेना की पारंपरिक दशहरा रैली में शामिल होने का न्योता भी दिया है, ताकि बीएमसी चुनाव से ठीक पहले मुंबई के मराठी भाषी मतदाताओं को एक बार फिर यह संदेश दिया जा सके कि ठाकरे परिवार अब एक हो गया है।
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