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    बिहार में राजग का चमत्कार, प्रचंड बहुमत के साथ जीत दर्ज की; महागठबंधन 35 सीटों पर सिमटा

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 06:55 AM (IST)

    देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जन्मतिथि पर बिहार के ऐतिहासिक जनादेश से राजग की ऐसी आंधी चली, जिसमें राजद-कांग्रेस की अगुआई वाला महागठबंधन उड़ सा गया। तो बड़े-बड़े दावों के साथ पेशगी करता तथाकथित तीसरा विकल्प ध्वस्त हो गया। 

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    राजग की आंधी : प्रचंड बहुमत, 89 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी, जदयू को 85 सीटें उड़ा (फोटो- पीटीआई)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना। चुनावी पंडितों और सियासी रणनीतिकारों के तमाम अनुमानों और कयासों को दूर-दूर तक झुठलाते हुए बिहार की जनता ने प्रचंड जनादेश दिया है। तभी शायद जनता को जनार्दन भी कहते हैं, क्योंकि इनके बीच रहकर मतदाताओं के मूड-मिजाज को भांपने का दावा करने वाले भी आज बगलें झांकने पर विवश हो चुके हैं। यह चमत्कार नहीं तो क्या है.!

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    राजद-कांग्रेस की अगुआई वाला महागठबंधन उड़ सा गया

    देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जन्मतिथि पर बिहार के ऐतिहासिक जनादेश से राजग की ऐसी आंधी चली, जिसमें राजद-कांग्रेस की अगुआई वाला महागठबंधन उड़ सा गया। तो बड़े-बड़े दावों के साथ पेशगी करता तथाकथित तीसरा विकल्प ध्स्त हो गया।

     मतगणना का परिणाम वर्ष 2010 जैसा दिखा

    शुक्रवार को हुई मतगणना का परिणाम वर्ष 2010 जैसा दिखा, जब नीतीश सरकार के पहले कार्यकाल पर खुश व बेहतरी के प्रति आश्वस्त होकर जनता ने 206 सीटों का तोहफा दिया था। लगातार बीस वर्ष के शासनकाल के प्रति न कहीं नाराजगी दिखी और न सरकार के प्रति अविश्वास। 2010 में जदयू सबसे बड़ी पार्टी थी।

    इस बार 89 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। जदयू को 85 सीटें मिली हैं। मतदाताओं ने भी 243 में 202 सीट देकर किए गए वादों के पूरा होने की अपेक्षा जता दी। महागठबंधन 36 सीटों पर सिमट गया। अन्य को छह सीटें मिली हैं।

      बड़े-बड़े वादों का कोई फायदा नहीं हुआ

    रोचक यह कि दोनों प्रमुख गठबंधनों राजग और महागठबंधन की ओर से जनता के हित के बड़े-बड़े वादे किए गए, लेकिन आखिरकार मतदाताओं ने आजमाए हुए पर ही विश्वास किया। स्वतंत्रता के बाद पहली बार रिकॉर्ड तोड़ मतदान (67.13 प्रतिशत) ने राजनीतिक खेमों में कौतूहल भी पैदा किया कि बढ़े हुए वोट किसके हैं। दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे थे।

    अपनापन जताकर दिया संदेश बिहार चुनाव के दौरान अपनी रैलियों में मोदी गमछा घुमाकर वहां की जनता को मंत्र मुग्ध करते रहे, अब प्रचंड नतीजों के बाद उन्होंने जनता का आभार भी उसी उपक्रम को दोहराकर जताया।

    शुक्रवार शाम दिल्ली में भाजपा मुख्यालय पहुंचकर मोदी ने बिहार की जनता से अपनापन जाते हुए संदेश देने का काम भी किया। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें मखाने की माला पहनाकर उनका आभार प्रकट किया। जाहिर है दुनिया भर में गमछा घुमाने की कला, मखाना बिहार से जुड़ाव के लिए जाने जाते हैं।

    राहुल के आरोपों को नहीं पड़ा असर, गंभीरता से नहीं लिए गए तेजस्वी

    महागठबंधन की तरफ से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और मल्लिकार्जुन खरगे ने कुल 30 सभाएं कीं। राहुल गांधी ने कुल 16 सभाएं कीं। इन सभाओं के जरिये उन्होंने करीब 23 उम्मीदवारों के लिए जनता से वोट मांगे।

    दूसरी ओर प्रियंका गांधी ने 14 सभाएं कर डेढ़ दर्जन उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया। हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय मल्लिकार्जुन खरगे ने महज तीन सभाएं की।

    इन सभाओं में वोट चोरी और संविधान बचाने की अपील ज्यादा प्रबल थी, जिसका मतदाताओं पर खास असर नहीं पड़ा। तेजस्वी अपनी घोषणाओं को दोहराते रहे, लेकिन मतदाताओं ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

    तीसरा विकल्प फिर नाकामयाब, जनसुराज फैक्टर हवा

    इस बार के चुनाव का मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच ही रहा। प्रशांत किशोर की नई-नवेली पार्टी जनसुराज ने तीसरा विकल्प होने का माहौल जरूर बनाया, मगर यह सब हवाबाजी ही साबित हुई। पार्टी को एक अदद सीट तो नहीं ही मिली, दूसरे स्थान के लिए भी तरसना पड़ा।

    इसके अलावा भी अलग-अलग क्षेत्रों में जिन छोटे और नए दलों ने तीसरा विकल्प बनने की कोशिश की उन्हें मुंह की खानी पड़ी। यादव की नई पार्टी जनशक्ति जनता दल का भी यही हाल रहा। तेजप्रताप यादव खुद महुआ से चुनाव हार गए। ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम सीमांचल में पांच सीटों पर प्रभावी रही।

    नेताओं की रैलियों ने बदल दिया नैरेटिव

    दोनों गठबंधनों के स्टार प्रचारकों ने जमकर रैली की। इनमें पीएम मोदी ने 14 जिलों में रैली व पटना में एक रोड शो किया। ये रैलियां उन क्षेत्रों में आयोजित की गईं, जहां लड़ाई कांटे की थी या उन क्षेत्रों में पूर्व से राजग की स्थिति कमजोर थी।

    प्रधानमंत्री ने इन रैलियों से लगभग 160 विधानसभा क्षेत्रों को साधने का प्रयास किया। जिनमें राजग को प्रचंड जीत हासिल हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 36, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 20 एवं उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 31 जनसभाएं कर महागठबंधन की घोषणाओं की धार को कुंद कर दी। इन नेताओं ने विकास, डबल इंजन का स्थिर शासन, अपराध व भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस के साथ रोजी रोजगार का नैरेटिव सेट किया।

    राजग की जीत के प्रमुख कारण

    • मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना ने बड़ा प्रभाव डाला। महिलाएं नीतीश कुमार के के लिए कैडर वोट की तरह दिखीं।
    • वृद्धजन पेंशन योजना की राशि 400 से बढ़ाकर 1100 रुपये कर देना भी कारगर रहा।
    • घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा का भी ग्रामीण के साथ-साथ शहरी मतदाताओं पर पड़ा।
    • पीएम मोदी ने मंच से जब तेजस्वी के आने पर कट्टा वाले आडियो-वीडियो की बात की तो नई पीढ़ी के साथ
    • साथ पुरानी पीढ़ी के वोटरों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा।
    • इसके साथ ही नीतीश कुमार के सुशासन पर भरोसे ने राजग की झोली वोटों से भर दी।

    महागठबंधन के हार के प्रमुख कारण

    • नेतृत्व का अस्थिर ढांचा रहा। राजद और कांग्रेस के बीच नेतृत्व, समन्वय और चेहरे को लेकर उत्पन्न विवाद में गलत प्रभाव डाला।
    • जातीय व सामाजिक समीकरणों के आकलन में चूक हुई। महिलाओं, युवाओं और गैर
    • परंपरागत जातीय समूहों में पकड़ नहीं बना सका।
    • महागठबंधन का एक बड़ा स्तंभ होने के बावजूद कांग्रेस बोझ साबित हुई। टिकट वितरण को लेकर भारी नाराजगी थी।
    • चुनावी एजेंडा तय करने में पूरी तरह असफल रहा, महागठबंधन की आवाज मतदाताओं तक बिखरी हुई और अस्पष्ट पहुंची।
    • बड़ी समस्या थी स्थानीय स्तर पर संगठन की निष्क्रियता।

    पीएम मोदी ने कही ये बात

    बिहार के मेरे पारिवारिक सदस्यों का हार्दिक आभार, जिन्होंने विधानसभा चुनाव में राजग को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व विजय दिलाई है। राजग ने राज्य का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया है। जनता ने हमारे ट्रैक रिकार्ड और राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के विजन को देखते हुए भारी बहुमत दिया है। मैं इस शानदार जीत के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजग परिवार के सदस्यों चिराग पासवान, जीतन राम मांझी तथा उपेंद्र कुशवाहा को हार्दिक बधाई देता हूं।-नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

    अमित शाह ने कही ये बात

    बिहार की जनता ने पूरे देश का मूड बता दिया है कि मतदाता सूचियों का शुद्धीकरण जरूरी है और इसके विरुद्ध राजनीति की कोई जगह नहीं है। बिहार की जनता का डाला गया एक-एक वोट भारत की सुरक्षा और संसाधनों के लिए खतरा बने घुसपैठियों व उनका समर्थन करने वालों के विरुद्ध मोदी सरकार की नीति में विश्वास का प्रतीक है। जनता ने वोट बैंक की राजनीति के लिए घुसपैठियों को संरक्षण देने वालों को करारा जवाब दिया है। -अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री

    नीतीश कुमार ने कही ये बात

    राज्यवासियों ने भारी बहुमत देकर हमारी सरकार के प्रति विश्वास जताया है। इसके लिए सभी सम्मानित मतदाताओं को मेरा नमन, हृदय से आभार एवं धन्यवाद। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को उनसे मिले सहयोग के लिए हृदय से आभार एवं धन्यवाद। एनडीए गठबंधन के सभी साथियों चिराग पासवान, जीतन राम मांझी एवं उपेन्द्र कुशवाहा को भी धन्यवाद। आपके सहयोग से बिहार और आगे बढ़ेगा तथा देश के सबसे ज्यादा विकसित राज्यों में शामिल होगा। -नीतीश कुमार, बिहार के मुख्यमंत्री