नेता न होते तो क्रिकेटर होते, ऐसा था दिग्गज कांग्रेसी नेता श्रीप्रकाश जायसवाल का अंदाज
कानपुर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। मनमोहन सिंह सरकार में कोयला मंत्री रहे जायसवाल को मन्ना डे के गीत पसंद थे। उनका कहना था कि अगर वे नेता नहीं होते तो क्रिकेटर होते।
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श्रमिक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में श्रीप्रकाश जायसवाल व अन्य कांग्रेसी नेता।
जागरण संवाददाता, कानपुर। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने 81 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। वे लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। मनमोहन सिंह की सरकार में कोयला मंत्री और गृहमंत्री रहे श्रीप्रकाश जायसवाल का अंदाज काफी अलग था। उन्हें मन्ना डे के गीत अच्छे लगते थे। वे खुद कहते थे कि अगर नेता न होता तो क्रिकेटर होता।
श्रीप्रकाश जायसवाल की पढ़ाई शहर में ही हुई। प्रारंभिक शिक्षा बंगाली मोहाल स्थित एबी विद्यालय से हुई। इसके बाद ओमर वैश्य इंटर कालेज से आठवीं तक पढ़ाई की। नौंवी से 12वीं तक की पढ़ाई वीएनएसएसडी कालेज से की, जबकि स्नातक की पढ़ाई डीएवी कालेज से पूरी की।
मन्ना डे का गीत सुने बिना नहीं आती नींद
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने एक बार एक साक्षात्कार में स्वीकार किया था कि जब वह दस साल के थे और गीत को समझने लगे तो उन्हें मन्ना डे अच्छे लगे। हालांकि मुकेश, मोहम्मद रफी, शमशाद बेगम के अलावा स्वर कोकिला लगा मंगेशकर के गाने भी पसंद थे, मगर वह मन्ना डे के दीवाने थे। उन्होंने बताया था कि मन्ना डे का गाना सुने उन्हें नींद नहीं आती थी।
दूसरा शौक क्रिकेट था
श्रीप्रकाश जायसवाल कानपुर के इतिहास में एक मंझे हुए राजनेता के रूप में जाने जाते हैं। वह नेता न होते तो क्रिकेटर होते। वह कहते थे कि राजनीति के बाद उनका दूसरा शौक क्रिकेट है। वह करियर में एक सफल क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन उनके पिता जी ने इसके लिए उन्हें सहमति नहीं दी। डीएवी में स्नातक करने के दौरान एक साल तक वह कालेज क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे।

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