केंद्र से खफा अकाली दल के बागी गुट, 1600 करोड़ की बाढ़ राहत को नाकाफी ठहराकर बताया मजाक
शिरोमणि अकाली दल के बागी गुट ने केंद्र सरकार द्वारा पंजाब बाढ़ राहत को नाकाफी बताया। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने 1600 करोड़ रुपये की राशि को कम बताते हुए फसल मुआवजे को ही 2200 करोड़ रुपये से अधिक बताया। उन्होंने राहत राशि सीधे पीड़ितों के खातों में डालने की मांग की और सुखबीर बादल पर भी आरोप लगाए।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के बागी गुट के प्रधान एवं पूर्व जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पंजाब में आई भीषण बाढ़ से हजारों गांव प्रभावित हुए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1600 करोड़ रुपये की राहत राशि राज्य के लिए नाकाफी है।
बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि केवल फसल का मुआवजा ही 2200 करोड़ रुपये से अधिक बनता है। इसके अलावा घरों, पशुओं और बुनियादी ढांचे का नुकसान अलग से है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि यह मजाक करने के लिए पंजाब आने की जरूरत नहीं थी, दिल्ली बैठकर भी किया जा सकता था।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने हिमाचल प्रदेश में अवैध निर्माण और पहाड़ काटने की गतिविधियों को भी पंजाब की बाढ़ का बड़ा कारण बताया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उच्चस्तरीय कमेटी बनाई जानी चाहिए ताकि भविष्य में पंजाब को इस तरह की आपदाओं का सामना न करना पड़े।
उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है, इसलिए यहां पर विशेष राहत एवं पुनर्वास नीति लागू की जानी चाहिए। उनकी पार्टी हर पीड़ित तक पहुंचने का प्रयास करेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि सुखबीर सिंह बादल ने गुरुबाणी से अपार धन कमाया है और अब जो पैसा राहत के नाम पर बांटा जा रहा है, वह असल में जनता का ही है। इस मौके अकाली नेता सुरजीत सिंह रखड़ा ने ऐलान किया कि वे स्वयं 10 करोड़ रुपये की सहायता बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी राहत शिविरों के माध्यम से प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद कर रही है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि भारत में 14 प्रतिशत अन्न पंजाब से भेजा जाता है। जो राशि प्रधानमंत्री ने घोषित किया है वह नाकाफी है। इस अवसर पर बीबी जागीर कौर, रतन सिंह अजनाला, सुरजीत सिंह रखड़ा, गोबिंद सिंह लोंगोवाल सहित कई वरिष्ठ अकाली नेता भी मौजूद रहे।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि केंद्र की ओर से दी गई राहत केवल दिखावा है। घोषित राशि का बड़ा हिस्सा विज्ञापन और औपचारिकताओं में खर्च हो जाएगा, जबकि असल सहायता प्रभावित परिवारों तक नहीं पहुंचेगी। उन्होंने मांग की कि राहत सीधे पीड़ितों के खातों में डाली जाए।
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