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    अमृतसर: छह लाख कर्ज लेकर बेटे को भेजा रूस, वहां एजेंट ने सेना में भर्ती करके फ्रंट लाइन पर भेज दिया यूक्रेन

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 03:49 PM (IST)

    पंजाब के अमृतसर के एक किसान ने अपने बेटे को स्टडी वीजा पर रूस भेजा था, लेकिन वीजा खत्म होने के बाद उसे रूसी सेना में भर्ती कर यूक्रेन भेज दिया गया। पर ...और पढ़ें

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    पंजाब के अमृतसर के एक किसान ने अपने बेटे को स्टडी वीजा पर रूस भेजा था (फोटो: जागरण)

    धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन। विधानसभा हलका खडूर साहिब के गांव चंबा कलां निवासी किसान जसविंदर सिंह का परिवार कई दिनों से चिंता के आलम में है। जसविंदर सिंह ने एक वर्ष पहले अपने लड़के को स्टडी वीजे पर रुस भेजा था।

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    तीन माह का वीजा खत्म होने के बाद नया वीजा नहीं मिला। वहां के एजेंट ने जसविंदर सिंह के लड़के हरविंदर सिंह को वहां की फौज में भर्ती करवा दिया। जिसके बाद हरविंदर को यूक्रेन भेज दिया। तीन माह से बेटे का फोन बंद आ रहा है। न ही उसका कोई सुराग लग रहा है।

    जसविंदर सिंह ने अपनी पत्नी अमरजीत कौर की मौजूदगी में बताया कि उनके दो बेटे व एक बेटी है। मात्र दो किले जमीन कृषियुक्त है। बच्चों के उज्जवल भविष्य का सपना लेकर स्थानीय एजेंट के माध्यम से छह लाख का कर्ज लेकर नवंबर 2024 में हरविंदर सिंह को रुस भेज दिया।

    उस समय एजेंट ने आश्वासन दिया था कि तीन माह का वीजा समाप्त होने से पहले दोबारा वीजा लगवा देगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। जसविंदर सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि वीजा न मिलने के कारण उनका बेटा वहां पर छिपकर रहने लगा।

    कभी-कभी हरविंदर सिंह फोन करके बताता कि सप्ताह में एक-दो दिन काम मिल जाता है। जुलाई माह में रुस में रहते एक एजेंट ने हरविंदर सिंह को यह कहते रुस की सेना में भर्ती करवा दिया कि प्रत्येक माह ढाई लाख रुपये वेतन मिलेगा।

    उस समय रुस की सेना को राशन वगैरा मुहैया करवाने लिए आश्वासन दिया गया था। करीब 15 दिन की ट्रेनिंग के बाद हरविंदर सिंह को अन्य युवाओं समेत अस्लहा थमाकर सेना ने यूक्रेन भेज दिया।

    मां अमरजीत कौर ने बिलकते बताया कि हरविंदर सिंह के साथ एक और युवक भी फ्लैट में रहता था। जिसने फोन करके बताया कि आपके बेटे को रुस की सेना ने भर्ती करके यूक्रेन में फ्रंट लाइन पर भेज दिया है। जिसके बाद परिवार को हरविंदर का कोई भी फोन नहीं आया व न ही उसके मोबाइल पर संपर्क हो रहा है।

    परिवार ने विदेश मंत्रालय से गुहार लगाई है कि उनके बेटे का सुराग लगवाकर स्वदेस भिजवाया जाए।