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    अमृतसर: रावी नदी के रास्ते हथियार भेज रही ISI, कोनेवाल गांव से दो AK-47, मैगजीन और कारतूस बरामद 

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 10:40 PM (IST)

    पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पंजाब में अशांति फैलाने के लिए रावी नदी के रास्ते हथियार भेज रही है। कोनेवाल गांव से दो एके-47, मैगजीन और कारतूस बरामद हुए। आशंका है कि ये हथियार पाकिस्तानी तस्करों ने नदी के माध्यम से भेजे थे। ISI आतंकी संगठनों के साथ मिलकर यह साजिश रच रही है, क्योंकि ड्रोन का इस्तेमाल दरियाई क्षेत्रों में मुश्किल है। बाढ़ के दौरान भी हथियारों की तस्करी की गई थी।

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    आइएसआइ की नई चाल, रावी दरिया से भेज रही हथियार (फाइल फोटो)

    नवीन राजपूत, अमृतसर। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने पंजाब में अशांति फैलाने के लिए नया कुचक्र रचा है। अब ड्रोन के साथ दरिया के रास्ते भी हथियार भेजे जा रहे हैं।

    मंगलवार को भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट स्थित गांव कोनेवाल से बरामद दो एके-47, आठ मैगजीन, 245 कारतूस, एक पिस्तौल व 50 कारतूस इसी रणनीति का हिस्सा हैं।

    बुधवार को पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने गांव कोनेवाल में जांच की तो कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले। आशंका है कि ये हथियार पाकिस्तानी तस्करों की तरफ से रावी दरिया के माध्यम से भारतीय सीमा में लाए गए थे।

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    गांव कोनेवाल रावी दरिया के निकट स्थित है और आतंकी हैप्पी पशियां का गांव भी दरिया से एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है। गांव में पशियां के गुर्गे भी हैं, जो पहले भी हथियार और हेरोइन ठिकाने लगा चुके हैं।

    पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह खेप आइएसआइ ने आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआइ) के ¨रदर ¨सह उर्फ ¨रदा के कहने पर हैप्पी पशियां के साथी जीवन फौजी के लिए भेजी थी।

    खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि ड्रोन की गतिविधियां मुख्य रूप से अटारी और अजनाला क्षेत्र में होती हैं। रावी दरिया अपनी सर्पाकार संरचना के कारण तीन से चार किलोमीटर पाकिस्तान की सीमा में और इतना ही भारतीय क्षेत्र में है।

    गांव कोनेवाल दरियाई क्षेत्र होने के कारण यहां ड्रोन मूवमेंट सफल नहीं हो पाता, जिससे तस्कर अब दरिया के रास्ते हथियार भेजने लगे हैं।बाढ़ के दिनों में भी दरिया के रास्ते आए हथियारइस वर्ष अगस्त में आई बाढ़ का फायदा भी पाकिस्तान के तस्करों ने उठाया।

    बाढ़ के दौरान रावी और सतुलज दरिया पार करके हथियारों और हेरोइन की खेप ठिकाने लगाई गई। फाजिल्का में बाढ़ की आड़ में दो बार बड़ी खेप भेजी गई थी। 11 सितंबर को 27 पिस्तौल, 54 मैगजीन और 470 कारतूस बरामद हुए थे।

    दूसरी खेप में 16 पिस्तौल, 38 मैगजीन और 1,847 कारतूस मिले थे। इसके अलावा, 2024 में सौ किलो हेरोइन की खेप भी रावी दरिया के रास्ते मंगवाकर ब्यास के रइया इलाके में छिपाई गई थी, जिसे काउंटर इंटेलिजेंस (सीआइ) ने बरामद किया था।