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    डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल की अस्थायी रिहाई पर एक हफ्ते में निर्णय ले पंजाब सरकार, हाईकोर्ट का आदेश

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Fri, 21 Nov 2025 01:53 PM (IST)

    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को अमृतपाल सिंह की अस्थायी रिहाई की याचिका पर एक सप्ताह में फैसला लेने का निर्देश दिया है, ताकि वे संसद के शीतकालीन सत्र में भाग ले सकें। अमृतपाल ने एनएसए के तहत अपनी रिहाई की मांग की है ताकि वे अपने क्षेत्र के मुद्दों को संसद में उठा सकें। अदालत ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि निर्णय संसद सत्र से पहले हो।

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    अदालत ने कहा कि निर्णय संभव हो तो संसद सत्र शुरू होने से पहले लिया जाए और उसे अमृतपाल को सूचित भी किया जाए।

    दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब के गृह विभाग को निर्देश दिया कि वह खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह द्वारा दाखिल की गई प्रतिनिधि-याचिका पर एक सप्ताह के भीतर फैसला करे।

    यह प्रतिनिधि याचिका आगामी शीतकालीन सत्र में शामिल होने के लिए उनकी अस्थायी रिहाई से जुड़ी है। अदालत ने कहा कि निर्णय संभव हो तो संसद सत्र शुरू होने से पहले लिया जाए और उसे अमृतपाल को सूचित भी किया जाए।

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    मुख्य न्यायाधीश शील नागू की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने यह आदेश उस याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें अमृतपाल सिंह ने 1 से 19 दिसंबर तक चलने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगी है। अमृतपाल फिलहाल नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल में बंद हैं।

    अमृतपाल ने कोर्ट से कहा है कि वह एनएसए की धारा 15 के तहत अंतरिम रिहाई या पैरोल चाहते हैं, ताकि वे संसद में अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठा सकें। इसके अलावा, उन्होंने वैकल्पिक रूप से यह अनुरोध भी किया है कि सरकार उनकी संसद में व्यक्तिगत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करे।

    उन्होंने 13 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय, पंजाब सरकार और अमृतसर के जिलाधिकारी को भी अपने प्रतिनिधि पत्र भेजे थे, जिन पर निर्णय लेने का आग्रह हाईकोर्ट से किया गया है।

    करीब 19 लाख मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हुए अमृतपाल ने दलील दी कि उनका संसद में उपस्थित रहना जरूरी है, ताकि वे अपने क्षेत्र के विश्वास और मुद्दों को लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप उठा सकें।