सीएम मान ने उपचुनाव से पहले खुद को बताया 'दुखमंत्री', बोले- चुनाव कुर्सी नहीं, तय करेगा आपके बच्चों का भविष्य
पंजाब के तरनतारन में उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद को "दुखमंत्री" बताते हुए भावनात्मक अपील की। उन्होंने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू के समर्थन में रोड-शो के दौरान कहा कि वे लोगों के दुख-सुख में शामिल होने आए हैं। मान ने अपनी ग्रामीण पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए किसानों, मजदूरों और आम लोगों की समस्याओं को समझने का दावा किया। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, जैसे बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा, मुफ्त बिजली, पारदर्शी नौकरियाँ, बेहतर स्कूल और क्लीनिक, तथा नशा माफिया पर कार्रवाई। उन्होंने पुरानी पार्टियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए तरनतारन के लोगों से बेहतर भविष्य के लिए समर्थन मांगा।
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सीएम मान ने तरनतारन में सुनाया भावनात्मक किस्सा
डिजिटल डेस्क, तरनतारन। पंजाब की राजनीति में इस बार तरनतारन की गलियों में एक अलग ही भावनात्मक लहर दिखाई दे रही है। आगामी 11 नवंबर के उपचुनाव से ठीक पहले, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यहाँ की जनता के बीच खड़े होकर जो कहा, वह शायद पारंपरिक सियासी दाँव-पेंच से बिल्कुल हटकर था। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू के समर्थन में विशाल रोड-शो के दौरान, जब मान ने जीप की छत से कहा, “मैं मुख्यमंत्री नहीं, दुखमंत्री हूँ – आपके दुःख-सुख में हिस्सा लेने आया हूँ, न कि सिर्फ़ कुर्सी पर बैठने,” तो हज़ारों लोगों की भीड़ की प्रतिक्रिया ने माहौल को भावुक बना दिया, जहाँ ‘इंकलाब’ के नारे गूंज उठे।
मान ने अपने अतीत को याद करते हुए तरनतारन की मिट्टी से अपना रिश्ता जोड़ा। उन्होंने कहा कि वह भी इन्हीं गाँवों से निकले हैं, साइकिल पर स्कूल जाते थे और बस की छतों पर बैठकर कॉलेज जाते थे—क्योंकि उस ज़माने में छात्रों को बस के अंदर जगह नहीं मिलती थी। इस निजी अनुभव का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों की फ़सल बर्बाद होने का दर्द, मजदूरों की मेहनत की कीमत और आम घरों की रोज़मर्रा की मुश्किलें बखूबी समझती है। मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि यह इलाका पहले कई मुश्किल दौर से गुज़रा है, लेकिन अब समय है कि हम सब मिलकर विकास की नई राह पर आगे बढ़ें।
मान ने स्पष्ट किया कि ‘दुखमंत्री’ होने का उनका संकल्प केवल बयानों तक सीमित नहीं है। इस साल की विनाशकारी बाढ़ के दौरान, उनकी सरकार ने जिस तेज़ी से काम किया, वह मिसाल बन गया। उन्होंने बताया कि हर पीड़ित को केवल 45 दिनों के भीतर 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा सुनिश्चित किया गया और दिवाली से पहले हर घर तक राहत पहुँचाई गई। इसके अलावा, उनकी सरकार ने महज़ साढ़े तीन सालों में सीधी राहत का मॉडल पेश किया है। आज पंजाब के 90 प्रतिशत घरों के बिजली बिल शून्य हैं, क्योंकि 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली हर महीने दी जा रही है। युवाओं को पूरी तरह पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया से 56,000 सरकारी नौकरियाँ मिली हैं—बिना किसी रिश्वत या सिफ़ारिश के। स्कूलों की व्यवस्था को बेहतर बनाया गया, गाँव-गाँव में आम आदमी क्लीनिक खोलकर मुफ्त इलाज की सुविधा पहुँचाई गई, ड्रग माफिया के बड़े सरगनाओं को जेल भेजा गया।किसानों को MSP की गारंटी और कर्ज़ माफी का सीधा लाभ मिल रहा है, जिससे खेतों में फिर से खुशहाली लौट रही है।
उन्होंने कहा कि पुरानी पार्टियों ने 70 सालों में सिर्फ़ भ्रष्टाचार, नशा और बेरोज़गारी दी, जबकि उनकी सरकार ने ईमानदारी का मॉडल दिया। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पारंपरिक दलों ने पंजाब और उसके लोगों को ‘बेरहमी से लूटा’, जिसके कारण उन्हें राज्य की सत्ता से बेदखल होना पड़ा।
प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि, "हलका तरनतारन के गांवों का जोश और जुनून आम आदमी पार्टी की जीत की गवाही खुद ब खुद दे रहा है। हमारी यह जीत आपके बच्चों के बेहतर भविष्य के हक में काम आएगी।"
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विश्वास जताया कि राज्य सरकार ने पंजाब का समग्र विकास और लोगों की समृद्धि सुनिश्चित की है। उन्होंने दावा किया कि किसी भी ठोस मुद्दे के अभाव में विपक्ष केवल नाम के लिए ही राज्य सरकार की आलोचना कर रहा है। मान ने कहा, "हलका तरनतारन के गांवों का जोश और जुनून आम आदमी पार्टी की जीत की गवाही खुद ब खुद दे रहा है।" उन्होंने तरनतारन के लोगों से अपील की कि 11 नवंबर का दिन अब सिर्फ एक चुनाव नहीं रह गया है, बल्कि यह फैसला करेगा कि क्या लोग उस नेता पर विश्वास जताएंगे जो खुद को कुर्सी का मालिक नहीं, बल्कि जनता के सुख-दुख में साझीदार मानता है। उन्होंने ज़ोर दिया कि "हमारी यह जीत आपके बच्चों के बेहतर भविष्य के हक में काम आएगी।"

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