आठ दवाओं पर लगी रोक, वापस मंगाया अस्पतालों का स्टॉक; उपचार में प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से स्वास्थ्य विभाग का फैसला
पंजाब सरकार ने मध्य प्रदेश के बाद खांसी की आठ दवाओं पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय ने सभी सिविल सर्जनों को पत्र जारी कर इन दवाओं की खरीद, वितरण और उपयोग को रोकने के निर्देश दिए हैं।
-1760264479474.webp)
पंजाब सरकार ने 8 दवाओं पर लगाई रोक। सांकेतिक फोटो
जागरण संवाददाता, पटियाला। पंजाब सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय ने आठ विभिन्न दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यह फैसला दवाओं के इस्तेमाल के बाद उपचार में प्रतिकूल प्रतिक्रिया की रिपोर्ट मिलने के बाद किया गया है। इस संबंध ने राज्य के सभी सिविल सर्जनों व सरकारी अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंटों को पत्र भी जारी कर दिया गया है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय ने जिन दवाओं के प्रयोग पर पाबंदी लगाई है, उन दवाओं का निर्माण वर्ष 2023 से वर्ष 2025 के मध्य किया गया जबकि इन दवाओं की एक्सपायरी डेट सितंबर 2026 से अप्रैल 2028 के मध्य की है। बता दें कि मध्य प्रदेश में खांसी की दवा पीने के बाद 14 बच्चों की मृत्यु होने की घटना के उपरांत पंजाब सरकार ने राज्य में पिछले दिनों खांसी की दवा कोल्ड्रिफ की बिक्री, वितरण व इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है।
स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना है कि आठ दवाओं के प्रयोग पर जो पाबंदी लगाई गई है, वह फैसला सरकारी अस्पतालों पर ही लागू किया गया है। दवा का जो भी स्टाक सरकारी अस्पतालों में पड़ा है, उसे वापस मंगवाया जा रहा है ताकि इन दवाओं को मरीजों को न दिया जाए। विभाग के सूत्रों के अनुसार इन आठ दवाओं का निर्माण तीन विभिन्न फार्मास्यूटिकल कंपनियों ने किया है। उनकी जांच के लिए भी कमेटी का गठन कर दिया गया है।
इन दवाओं पर लगी रोक
मैसर्स स्वरूप फार्मास्यूटीकल्स में बनी नार्मल स्लाइन, सोडियम क्लोराइड इंजेक्शन 0.9 प्रश (2 अलग-अलग बैच), सिप्रोफ्लोक्सासिन इंजेक्शन 200 एमजी (दो अलग-अलग बैच) व डेक्सट्रोज, ओस्टुका फार्मास्यूटीकल्स की डीएनएस 0.9 प्रश व एन-2-डेस्ट्रोज 5 प्रश तथा हेल्थ बायोटेक लिमिटेड में उत्पादित ब्यूपीवैक्सीन एचसीएल विद डैक्सट्रोज इंजेक्शन।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।