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    हमारे अफसरों की गोपनीयता और सुरक्षा सर्वोपरि, CBI ने निलंबित DIG भुल्लर केस में क्यों कहा ऐसा

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 04:54 PM (IST)

    पंजाब के पूर्व डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर रिश्वत मामले में सीबीआई ने अदालत में कहा कि उनके अधिकारियों की गोपनीयता और सुरक्षा सर्वोपरि है। भुल्लर के वकील ...और पढ़ें

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    भुल्लर के वकील की ओर से दायर अर्जी पर सीबीआई ने अदालत में जवाब दायर किया।

    रवि अटवाल, चंडीगढ़। आठ लाख रुपये रिश्वत मामले में गिरफ्तार पंजाब के पूर्व डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर की मांग पर सीबीआई ने अपने अधिकारियों की कॉल डिटेल और मोबाइल टावर की लोकेशन का रिकॉर्ड देने से इन्कार कर दिया है। भुल्लर के वकील की ओर से दायर अर्जी पर सीबीआई ने अदालत में जवाब दायर कर दिया है।

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    पिछले हफ्ते भुल्लर के वकील ने सीबीआई की विशेष अदालत में एक अर्जी दायर कर सीबीआई के इंस्पेक्टर सोनल मिश्रा और डीएसपी कुलदीप सिंह की मोबाइल टावर लोकेशन और काॅल डिटेल रिकाॅर्ड को सरंक्षित रखने की मांग की थी।

    सीबीआई ने इसका कड़ा विरोध किया और कहा इस तरह अधिकारियों की काॅल डिटेल और मोबाइल टावर लोकेशन का रिकाॅर्ड मांगना गलत है। अगर यह रिकाॅर्ड सार्वजनिक किया गया तो यह जांच अधिकारियों के गोपनीयता के अधिकार के खिलाफ होगा।

    सीबीआई के सरकारी वकील ने कहा कि जांच एजेंसी के लिए उनकी टीम की गोपनीयता और सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि भुल्लर के वकील के पास ऐसा कोई कारण भी नहीं है कि वह बता सकें कि उन्हें यह रिकाॅर्ड क्यों चाहिए।

    उन्होंने कहा कि इस रिकाॅर्ड का रिश्वत मामले से कोई संबंध नहीं है। इसलिए उन्होंने अदालत से इस अर्जी को खारिज की मांग की। अब इस अर्जी पर 10 दिसंबर को सुनवाई होगी।

    तीन साल पुरानी जजमेंट का दिया हवाला

    सीबीआई ने अपने जवाब में दिल्ली हाईकाेर्ट की तीन साल पुरानी एक जजमेंट "कृष्ण पावड़िया वर्सेस द स्टेट,एनसीटी आफ दिल्ली" का हवाला दिया। इसमें अदालत ने ऐसी ही अर्जी पर टिप्पणी की थी कि जांच एजेंसी के अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, संगठित अपराध और भ्रष्टाचार जैसेे संवेदनशील मामलों की जांच करते हैं, जिसके कारण उन्हें लगातार गुप्त सूत्रों और मुखबिरों के संपर्क में रहना पड़ता है।

    यदि एजेंसी के जांच अधिकारी की काॅल डिटेल को सार्वजनिक किया गया तो इससे न सिर्फ उनके व्यक्तिगत सुरक्षा पर खतरा बढ़ेगा बल्कि गुप्त सूचनाकर्ताओं की पहचान भी उजागर हो सकती है, जो एजेंसी के कामकाज के लिए गंभीर जोखिम है।

    भुल्लर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

    सीबीआई ने 16 अक्टूबर को भुल्लर और उनके साथ बिचौलिये कृष्णु शारदा को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि वह दोनों मंडी गोबिंदगढ़ के एक व्यापारी से रिश्वत मांग रहे थे।

    सीबीआई ने गिरफ्तारी के बाद भुल्लर के सेक्टर-40 स्थित घर पर छापेमारी की थी जहां से साढ़े सात करोड़ रुपये कैश, ढाई किलो सोना, लग्जरी घड़ियां, महंगी शराब और प्राॅपर्टी का काफी रिकाॅर्ड बरामद हुआ था। रिकॉर्ड को सीबीआई ने अपने कब्जे में ले लिया था। 

    सीबीआई ने महज 48 दिनों की जांच के बाद ही दोनों आरोपितों के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। भुल्लर के खिलाफ सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति की भी एफआईआर की है। उसमें भी जांच एजेंसी चार्जशीट तैयार कर रही है।