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    चंडीगढ़ में हर इमारत का सटीक रिकॉर्ड चंद सेकेंडों में ऑनलाइन मिलेगा, डिजिटल सर्वे शुरू, विवाद होंगे खत्म

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Wed, 10 Dec 2025 11:45 AM (IST)

    चंडीगढ़ में अब हर इमारत का सटीक रिकॉर्ड सेकेंडों में ऑनलाइन उपलब्ध होगा। इसके लिए डिजिटल सर्वे शुरू कर दिया गया है, जिससे संपत्ति संबंधी विवादों को कम ...और पढ़ें

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    इमारत की तस्वीर, क्षेत्रफल, ऊंचाई और उपयोग की जानकारी डिजिटल रूप से दर्ज करती टीम।

    राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। शहर की हर इमारत का सटीक रिकॉर्ड अब चंद सेकेंडों में ऑनलाइन मिलेगा। इसके लिए प्रशासन ने नक्शा प्रोजेक्ट के तहत प्रॉपर्टी का डिजिटल सर्वे शुरू कर दिया है। लोगों से अपील की गई है कि वह संपति से संबंधित सटीक एवं पूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराएं। प्रशासन के अनुसार यह पहल बेहतर योजना, सेवाओं में तेज डिलीवरी, मुकदमों एवं मालिकाना विवाद में कमी लाने में मदद करेगा।

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    पायलट प्रोजेक्ट के तहत सेक्टर-2 (सेक्टर 13 को छोड़कर) से 17 का आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए डोर टू डोर सर्वे किया जा रहा है। इसके बाद बाकी शहर के अन्य एरिया का सर्वे किया जाएगा। पहले सर्वे में लिए प्रोजेक्ट का क्षेत्रफल 30.61 वर्ग किमी है, जिसमें एक लाख 47 हजार जनसंख्या रहती है।

    प्रशासन के अनुसार शहर की सभी इमारतों और उनके आकार-प्रकार का अब डिजिटल रिकाॅर्ड तैयार किया जाएगा। इसके लिए 20 टीमें गठित की गई हैं जो कि सेक्टरों में जाकर इमारत की तस्वीर लेगी और उसके क्षेत्रफल, ऊंचाई और उपयोग की जानकारी डिजिटल रूप से दर्ज की जाएगी। अब तक यह रिकाॅर्ड मैनुअल तरीके से रखा जाता था, जिससे विवाद और रिकाॅर्ड की कमी जैसी समस्याएं सामने आती थीं।

    डिजिटल रिकाॅर्ड तैयार होने के बाद किसी भी संपत्ति विवाद की पुष्टि मिनटों में हो सकेगी। प्रशासन के पास प्रत्येक इमारत का सही डेटा रहेगा। शहर के विकास कार्यों में सटीक योजना बनाने में आसानी होगी। प्रशासन के अनुसार असल में मैनुअल रिकाॅर्ड में त्रुटियों और रखरखाव में दिक्कतें आती थीं। इसके साथ ही विकास योजनाओं के लिए सही एवं अपडेटेड डेटा उपलब्ध नहीं था।

    संपत्ति के मापन को लेकर विवाद और मुकदमे बढ़ते थे। प्राॅपर्टी टैक्स का सही आकलन किया जा सकेगा, इस सर्वे से अब अधिकारियों को हर इमारत पर जाने की जरूरत नहीं होगी। डीसी निशांत यादव का कहना है कि जिन सेक्टरों में यह टीम डोर टू डोर सर्वे करने के लिए आए तो लोगों को सर्वे में भरपूर सहयोग देना चाहिए ।

    इससे पहले ड्रोन से हो चुका है सर्वे

    इससे पहले चंडीगढ़ में ड्रोन से डेटा इकट्ठा करने का काम पूरा हो गया है। यह काम 15 सेक्टरों और 5 गांवों में किया गया। इस हाई-रिजॉल्यूशन डेटा से सटीक डिजिटल बेस मैप बनाए गए हैं। अब प्रशासन डेटा की जांच, मालिकाना हक के रिकाॅर्ड को जोड़ने और शहरी संपत्ति कार्ड बनाने का काम कर रहा है। इसके लिए फील्ड सर्वे भी किए जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट का एक अहम हिस्सा यह है कि प्राॅपर्टी के मालिक अपनी जानकारी को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर खुद वेरिफाई और अपडेट कर सकते हैं।