पिछली दीवाली पर चंडीगढ़ में AQI गया था 300 पार, Green पटाखे ही चलाएं, धुआं सताए न सांसों का संकट गहराए
चंडीगढ़ में पिछली दीवाली पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार चला गया था। इस बार प्रशासन ग्रीन पटाखे चलाने पर जोर दे रहा है ताकि शहर में सांस लेने में दिक्कत न हो। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे केवल ग्रीन पटाखे ही चलाएं और दीवाली को सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त बनाएं।

आतिशबाजी के कारण एक्यूआई छू सकता है 300 का आंकड़ा।
मोहित पांडेय, चंडीगढ़। हर वर्ष की तरह इस बार भी दीपावली पर चंडीगढ़ वासियों को प्रदूषण का धुआं सताएगा। पीजीआई के डाॅक्टर प्रोफेसर रविंद्र खैवाल के अनुसार शहर में भारी आतिशबाजी के कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 पार का आंकड़ा छू सकता है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। बीते वर्ष दीपावली पर एक्यूआई 302 रहा था। शहर की हवा दूषित हो गई है। इसके को लेकर नगर निगम ने एडवाइजरी जारी की है।
रविवार को दिन में एक्यूआई 104 रहा, जो माध्यम प्रदूषित की श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों के अनुसार पटाखों के धुएं से आंख, नाक, गले व सांस की तकलीफ बढ़ने लगती हैं। चिकित्सकों के अनुसार बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं व छोटे बच्चों को पटाखों और पराली का धुआं बहुत नुकसान पहुंचाता है। इससे सांस लेने में तकलीफ, त्वचा की समस्या, आंखों में जलन और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। दीपावली के साथ पंजाब-हरियाणा में जल रही पराली के कारण भी एक्यूआई बढ़ने के आसार हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
- पटाखे जलाने से पहले उनके सुरक्षा निर्देश ध्यान से पढ़ें।
- पानी और रेत की बाल्टी पास रखें।
- जले हुए पटाखों को पानी या सूखी रेत में डालें।
- पटाखे जलाते समय चेहरे को दूर रखें और दूरी से जलाएं।
- खिड़कियां व दरवाजे बंद रखें ताकि जलते पटाखे अंदर न आएं।
- केवल मानक (स्टैंडर्ड) कंपनियों के पटाखों का ही उपयोग करें।
- बच्चों को हमेशा वयस्कों की देखरेख में पटाखे जलाने दें।
- सूती, फिटिंग वाले कपड़े और जूते पहनें।
- हल्की जलन होने पर ठंडा पानी डालें और जरूरत पड़ने पर डाक्टर से संपर्क करें।
- बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा पर खास ध्यान दें।
- बिजली की सजावट में मानक उपकरणों का उपयोग करें और ओवरलोड से बचें।
न करें ये गलती
- बच्चों को अकेले पटाखे जलाने न दें।
- जो पटाखे न जलें, उन्हें दोबारा न जलाएं।
- अस्पतालों, नर्सिंग होम्स और भीड़भाड़ वाले इलाकों में पटाखे न जलाएं।
- तेल के दीये, मोमबत्तियां और अगरबत्ती पटाखों से दूर रखें।
- ज्वलनशील वस्तुएं घर या दुकान के आसपास न रखें।
- बंद जगहों या घर के अंदर पटाखे न जलाएं।
- राकेट या फुलझड़ी हाथ में लेकर न जलाएं।
- ऊंची आवाज वाले पटाखे बच्चों से दूर रखें।
- पटाखा दुकानों के पास पटाखे न जलाएं।
- जलते पटाखे इधर-उधर न फेंकें।
- खराब पटाखों को सावधानी से संभालें।
- बंद डिब्बों में पटाखे न जलाएं।
- राकेट खुले स्थान पर ही छोड़ें।
- फूस या घास के ढेर के पास उड़ने वाले पटाखे न जलाएं।
पटाखों को लेकर दुकानदारों के जारी दिशा-निर्देश
- दुकानों के बीच सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
- दुकान में माचिस, मोमबत्ती या लाइटर का इस्तेमाल न करें।
- कोई भी व्यक्ति दुकान के पास पटाखों से न खेले।
- खराब या ढीली तारों का उपयोग न करें।
- केवल अधिकृत मात्रा में पटाखे रखें।
- दुकानें गैर-ज्वलनशील सामग्री से बनाएं।
- “नो स्मोकिंग” का बोर्ड लगाएं और धूम्रपान पर रोक लगाएं।
- लाइट, बल्ब और पटाखों के बीच उचित दूरी रखें।
- पानी, रेत और अग्निशामक यंत्र तैयार रखें।
आपातकालीन संपर्क नंबर
अगर आग लग जाए तो 112 पर काल करें या नजदीकी फायर स्टेशन से संपर्क करें।
फायर अधिकारी और सभी फायर स्टेशनों के मोबाइल नंबर तुरंत सहायता के लिए उपलब्ध हैं।
फायर विभाग ने अपील की है कि सभी लोग सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए दीपावली मनाएं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो और त्योहार खुशियों के साथ बीते।
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