बच्चे ने जिस मोबाइल फोन के वाॅलपेपर से किडनैपर को पहचाना, वह अदालत में पेश ही नहीं कर पाई चंडीगढ़ पुलिस, सुबूतों के अभाव में छह आरोपित बरी
चंडीगढ़ में 15 वर्षीय बच्चे के अपहरण मामले में अदालत ने सबूतों के अभाव में छह आरोपियों को बरी कर दिया। पुलिस अपहरणकर्ताओं द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन को अदालत में पेश नहीं कर सकी, जिससे बच्चे ने कथित तौर पर उनकी पहचान की थी। बच्चे ने भी अपहरणकर्ताओं को पहचानने से इनकार कर दिया था। अदालत ने पुलिस की जांच में खामियां पाईं।

पुलिस ने केस को सुलझाकर वाहवाही तो खूब बटोरी, लेकिन इसे साबित नहीं कर सकी। अदालत ने सुनाया फैसला।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। किशनगढ़ में 15 साल के बच्चे का अपहरण कर 50 लाख फिरौती मांगने के मामले में चार साल बाद अदालत ने छह आरोपितों को बरी कर दिया। इस मामले में पुलिस इंवेस्टिगेशन की कई खामियां सामने आई। पुलिस ने कहानी बनाई थी कि किडनैप होने वाले बच्चे ने एक किडनैपर का मोबाइल फोन देखा था जिस पर एक वाॅलपेपर लगा था। किडनैपर जब पकड़े गए तो उसने उसी मोबाइल और वाॅलपेपर से उसकी पहचान कर ली। हालांकि पुलिस उस मोबाइल फोन को अदालत में पेश ही नहीं कर सकी।
बच्चे ने कहा कि किडनैपरों ने मुंह पर मास्क पहना था, इसलिए वह उन्हें पहचान नहीं सका था। इसके अलावा बच्चे को जो हथियार दिखाकर डराया गया था, वह जांच के दौरान टाॅय गन निकली। आरोपितों का केस लड़ने वाले एडवोकेट एएस गुजराल और विजय कुमार ने बहस के दौरान कहा कि पुलिस ने इन्हें झूठे केस में फंसाया था। केस के मुताबिक बच्चे का जब अपहरण हुआ तो उसके साथ उसके दो दोस्त थे। इनमें से एक ने अदालत में किडनैपरों को पहचानने से इन्कार कर दिया जबकि दूसरे की पुलिस ने गवाही ही नहीं करवाई। पुलिस ने इस केस को सुलझाकर वाहवाही तो खूब बटोरी, लेकिन इसे अदालत में साबित नहीं कर सकी।
कुछ ही घंटों बाद बच्चा हो गया था बरामद
चार साल पहले बच्चे का अपहरण कर किडनैपर्स ने उसके पिता से 50 लाख रुपये फिरौती मांगी थी। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद बच्चा बरामद हो गया था और दो दिन बाद छह किडनैपर्स गिरफ्तार कर लिए गए थे। अब बरी होने वालों में किशनगढ़ निवासी विशाल कुमार गुप्ता, पंकज कुमार, रोहित उर्फ हैप्पी, रामदरबार निवासी रजत उर्फ मोनू, मुकेश उर्फ मिक्की और बलटाना, मोहाली निवासी अजय शर्मा शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ 15 जून 2021 को आइटी पार्क थाना पुलिस ने आइपीसी की धारा 364ए, 34, 473 और 120बी के तहत केस दर्ज किया था।
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