स्थिति इतनी उलझी है कि समझ नहीं आता हंसा जाए या रोया जाए, चंडीगढ़ के सांसद तिवारी ने क्यों कहा ऐसा
सांसद मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ प्रशासन और केंद्रीय गृह मंत्रालय के मेयर के कार्यकाल पर विरोधाभास पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रशासन कार्यक ...और पढ़ें

चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सांसद मनीष तिवारी ने मेयर के कार्यकाल को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन और केंद्रीय गृह मंत्रालय के रुख में स्पष्ट विरोधाभास पर गहरा आश्चर्य व्यक्त किया है। तिवारी ने कहा कि स्थिति इतनी उलझी हुई है कि समझ नहीं आता कि हंसा जाए या रोया जाए।
उन्होंने कहा कि एक ओर चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारी दिल्ली में बैठकों में भाग ले रहे हैं, जहां चंडीगढ़ के तमाम लंबित मुद्दों पर चर्चा हो रही है, जिनमें मेयर का कार्यकाल बढ़ाकर पांच वर्ष करने का प्रस्ताव भी शामिल है।
दूसरी ओर, उनके द्वारा पूछे गए संसदीय प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ-साफ कहा है कि मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल सीधे चुनाव के माध्यम से पांच वर्ष करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
मनीष तिवारी ने इस विरोधाभासी स्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि इससे न केवल प्रशासनिक स्पष्टता पर सवाल उठते हैं, बल्कि यह भी पता चलता है कि चंडीगढ़ से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर समन्वय और दूरदर्शिता की कमी बनी हुई है।
उन्होंने पूछा कि जब केंद्र सरकार स्वयं कह रही है कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है, तो फिर चंडीगढ़ प्रशासन किस आधार पर दिल्ली में इस मुद्दे को उठा रहा है। तिवारी ने कहा कि चंडीगढ़ के विकास और लोकतांत्रिक ढांचे से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर ऐसी असंगत स्थिति जनता को भ्रमित करती है।
सांसद ने केंद्र और चंडीगढ़ प्रशासन दोनों से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे पर स्पष्ट और एकमत नीति प्रस्तुत करें ताकि शहर की स्थानीय राजनीति और प्रशासनिक संरचना से जुड़े निर्णयों में पारदर्शिता बनी रहे।

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