चंडीगढ़ नगर निगम ने वेंडर्स से कमाए 38 करोड़ रुपये, फीस न देने वाले वेंडर्स के लाइसेंस कैंसिल, होगी कार्रवाई
चंडीगढ़ नगर निगम ने शहर के वेंडर्स से 38.04 करोड़ रुपये की कमाई की है।निग ने यह कमाई 5 साल में लाइसेंस फीस के तौर पर की है। नगर निगम शहर के वेंडर्स से 3 अक्टूबर 2017 से लाइसेंस फीस ले रहा है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम ने शहर के वेंडर्स से 38.04 करोड़ रुपये की कमाई की है।निग ने यह कमाई 5 साल में लाइसेंस फीस के तौर पर की है। नगर निगम शहर के वेंडर्स से 3 अक्टूबर 2017 से लाइसेंस फीस ले रहा है। जबकि वेंडर्स का कहना है कि उनसे हर माह लाइसेंस फीस तो ली जा रही है लेकिन उन्हें सुविधाएं नहीं दी जा रही है।
पूरे शहर में 46 वेंडिंग जोन साइट हैं, लेकिन यहां पर सुविधाओं का अभाव है। वेंडर्स को धूप और बारिश से बचने की कोई सुविधा नहीं दी गई है। कांग्रेस पार्षद जसबीर सिंह बंटी ने वेंडर्स को लेकर कुछ सवाल नगर निगम से पूछे थे, जिसका नगर निगम की ओर से जवाब दिया गया है।
नगर निगम ने सेक्टर-1 से 6 और सेक्टर-17 को नो वेंडिंग जोन घोषित किया हुआ है। बावजूद यहां पर वेंडिंग हो रही है। इस बारे में हाल ही में व्यापारियों ने नगर निगम कमिश्नर आनिंदिता मित्रा के समक्ष भी मुद्दा उठाया था। राक गार्डन और सुखना लेक के बाहर भी वेंडर को बैठने की मंजूरी नहीं है। बावजूद यहां पर वेंडर होते हैं। राक गार्डन और रोज गार्डन के बाहर भी वेंडर्स देखे जा सकते हैं।
इस समय करीब 11 हजार वेंडर रजिस्टर्ड
नगर निगम में इस समय 10,927 वेंडर रजिस्टर्ड हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 3774 वेंडर की ही हर माह लाइसेंस फीस जमा करवा रहे हैं, जबकि शहर में इस समय चार गुना वेंडर काम कर रहे हैं। अन्य वेंडर नगर निगम को अपनी लाइसेंस फीस जमा नहीं करवा रहे हैं। ऐसे में नगर निगम को लाखों रुपये की चपत लग रही है। शहर में स्ट्रीट वेंडर एक्ट लागू है। ऐसे में बाकी बचे वेंडर इस समय बिना लाइसेंस फीस के शहर में कारोबार कर रहे हैं।
3677 वेंडर्स के लाइसेंस कैंसिल
कोरोना महामारी से पहले 10 हजार वेंडर की लाइसेंस फीस नगर निगम में पहुंची थी। कोरोना काल में कई वेंडर्स काम बंद कर चुके हैं, जबकि कुछ वेंडर्स बिना लाइसेंस फीस जमा करवाए काम कर रहे हैं। नगर निगम ने 3677 वेंडर के लाइसेंस तीन माह के लिए सस्पेंड भी किए हैं, क्योंकि वह लाइसेंस फीस जमा नहीं करवा रहे हैं। इनमें से 1151 वेंडर पर कार्रवाई करने के लिए अतिक्रमण हटाओ दस्ते को निर्देश दिए गए हैं। कमिश्नर आनिंदिता मित्रा ने अतिक्रमण हटाओ दस्ते को ऐसे वेंडर पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है, जो बिना फीस जमा करवाए सरकारी जमीन पर फड़ी लगा रहे हैं। पिछले साल के खारिज लाइसेंस बहाल किए गए हैं।
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