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    घोटालाें में उलझा चंडीगढ़ नगर निगम, वेडरों से वसूली की चल रही जांच, अब पैसों के बदले नौकरी का खेल हुआ उजागर

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 07:29 PM (IST)

    चंडीगढ़ नगर निगम में पैसों के बदले नौकरी का खेल उजागर हुआ है। एक पार्षद के रिश्तेदार पर ड्राइवर की नौकरी के लिए ढाई लाख रुपये लेने का आरोप है, जिससे निगम की छवि खराब हुई है। निगम आयुक्त अमित कुमार आरोपित कर्मचारियों पर कार्रवाई कर सकते हैं। पहले भी वेंडरों से अवैध वसूली के आरोप लगे थे, जिसकी विजिलेंस जांच चल रही है। आयुक्त पहले ही कई कर्मचारियों को निकाल चुके हैं, फिर भी वेतन पर 70 करोड़ खर्च हो रहे हैं।

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    निगम में कार्यरत ड्राइवर पर ढाई लाख रुपये लेकर नौकरी दिलाने का आरोप।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। नगर निगम की वित्तीय हालत खराब होने की एक मुख्य वजह जरूरत से अधिक स्टाफ भर्ती भी है। निगम में पिछले कई वर्षों से पैसों के बदले नौकरी का खेल चल रहा है। पहले भी कई आरोप पैसों के बदले नौकरी दिलाने के लग चुके हैं। यह आरोप पूर्व मेयर से निगम कर्मचारियों और पार्षदों तक पर लगे हैं। अब ताजा मामला एक पार्षद के रिश्तेदार से जुड़ा है। उस पर निगम में ड्राइवर की नौकरी दिलाने के नाम पर ढाई लाख रुपये लेने का आरोप है। निगम की छवि एक बार फिर खराब हुई है। इस मामले में सोमवार को निगम कमिश्नर अमित कुमार बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपित कर्मियों को निगम से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं।

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    इससे पहले एन्फोर्समेंट विंग पर वेंडरों से अवैध वसूली का खुलासा हो चुका है। इस मामले की विजिलेंस जांच कर रही है। यह मामला सामने आने के बाद निगम की बड़ी फजीहत हो चुकी है। सभी सब इंस्पेक्टर बदलने के बाद भी भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ। निगम कर्मी ने ही वेंडरों से प्रतिमाह तीन से छह लाख रुपये वसूलने के आरोप लगाए थे। उन्हीं आरोपों की जांच विजिलेंस कर रही है। कई वर्ष पहले कचरा एकत्र करने वाली गाड़ियों पर रखने के नाम पर रिश्वत दिए जाने के आरोप लगे थे। उस समय 400 ड्राइवर रखे गए थे।

    निगम में से कमिश्नर अमित कुमार छह महीने में एक हजार से अधिक कर्मचारियों को निकाल चुके हैं। इनमें स्मार्ट सिटी स्टाफ, कोविड सेल कर्मी, फायर एंड रेस्क्यू सर्विस डिपार्टमेंट के फायरमैन और ड्राइवर सहित अन्य स्टाफ शामिल है। इसके अलावा 200 से अधिक उन कर्मचारियों को निकाला गया था जो सेवानिवृत्त होने के बाद भी निगम में कार्यरत थे। बावजूद इसके प्रतिमाह सैलरी पर ही 70 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।

    एमओएच में कार्यरत ड्राइवर पर गिर सकती है गाज

    नौकरी दिलाने के नाम पर ढाई लाख रुपये की ठगी का आरोप गुरप्रीत सिंह जंगू निवासी गांव कांसल ने लगाते हुए एसएसपी को लिखित शिकायत दी है। गुरप्रीत सिंह ने अपनी शिकायत में बताया है कि एमओएच विंग में ड्राइवर मनप्रीत सिंह, इंस्पेक्टर जगतार सिंह और संजीव ने उसे नगर निगम में ड्राइवर की नौकरी दिलाने का झांसा देकर 2.50 लाख रुपये हड़प लिए। इस मामले में सोमवार को निगम कमिश्नर आरोपित कर्मियों पर कार्रवाई कर सकते हैं। आरोपित ड्राइवर पर सबसे पहले गाज गिर सकती है।