चंडीगढ़ निगम में Corruption का साया! अधिकारी आने को तैयार नहीं, पद लंबे समय से खाली, प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ रहे
चंडीगढ़ नगर निगम में अधिकारियों की कमी से कामकाज प्रभावित है। कमिश्नर अमित कुमार ने मुख्य सचिव को बताया कि संयुक्त सचिव स्तर के पद खाली हैं और अधिकारी आने को तैयार नहीं हैं, जिसके पीछे भ्रष्टाचार और भेदभाव जैसे कारण सामने आ रहे हैं। मुख्य सचिव ने प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की और कमिश्नर ने अधिकारियों की नियुक्ति का आग्रह किया।

चंडीगढ़ नगर निगम से जो अधिकारी जाते हैं उनके बदले में पूरी संख्या में अधिकारी नहीं मिलते।
बलवान करिवाल। नगर निगम में अधिकारियों का संकट खत्म नहीं हो रहा है। प्रशासनिक सूत्रोंं से पता चला है कि निगम कमिश्नर अमित कुमार ने चीफ सेक्रेटरी एच राजेश प्रसाद को बताया कि निगम में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों के पद लंबे समय से खाली हैं। अधिकारियों की रिपलेसमेंट नहीं मिल रही है। एक ही अधिकारी के ऊपर बड़ा भार है। बता दें कि निगम में अधिकारी आने को तैयार नहीं हैं। इसकी एक वजह भेदभाव व भ्रष्टाचार भी बताई जा रही है। निगम अफसरों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहते हैं। हाल ही हटाए गए चीफ इंजीनियर संजय अरोड़ा पर भी कई आरोप लगे हैं। ऐसे में प्रोजेक्ट भी सिरे नहीं चढ़ रहे।
बार-बार पैनल मांगने के बाद भी राज्यों से पैनल नहीं आ रहे
एचसीएस शंभु राठी, फिर शशि वसुंधरा और उसके बाद सुमित सिहाग छोड़कर वापस हरियाणा लौट चुके हैं। इनके बदले में अभी निगम को पूरे अधिकारी नहीं मिले हैं। इसके अलावा भी कई पद रिक्त हैं। चीफ इंजीनियर का पद भी रिक्त हुआ है। अब अतिरिक्त कार्यभार यूटी प्रशासन के चीफ इंजीनियर सीबी ओझा को दिया गया है। हालात यह हैं कि बार-बार पैनल मांगने के बाद भी राज्यों से पैनल नहीं आ रहे हैं। आने वाले दिनों में एक अन्य अधिकारी भी निगम को अलविदा कह सकते हैं।
चीफ सेक्रेटरी ने निगम प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की
स्मार्ट पार्किंग साॅल्यूशन प्रोजेक्ट में देरी, मल्टीलेवल पार्किंग और 24 घंटे पेयजल आपूर्ति जैसे प्रोजेक्ट्स पर की स्थिति पर मुख्य सचिव एच राजेश प्रसाद ने निगम अधिकारियों से समीक्षा बैठक की। कई घंटे तक यह समीक्षा बैठक में निगम से जुड़े एक-एक बड़े प्रोजेक्ट की मुख्य सचिव ने विस्तार से चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि स्मार्ट पार्किंग साॅल्यूशन प्रोजेक्ट अभी तक लागू क्यों नहीं हो पाया। साथ ही मल्टीलेवल पार्किंग का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
मनीमाजरा 24 घंटे जलापूर्ति की ली जानकारी
प्रसाद ने मनीमाजरा में 24 घंटे पानी के पायलट प्रोजेक्ट की की जानकारी भी ली। साथ ही इस प्रोजेक्ट की दिक्कतें दूर नहीं होने पर जवाब भी मांगा। बैठक में निगम कमिश्नर अमित कुमार ने सभी प्रोजेक्ट पर उन्हें जानकारी दी। साथ ही प्रोजेक्ट्स में देरी की मुख्य वजह निगम में अधिकारियों की कमी भी बताई। उन्होंने चीफ सेक्रेटरी को बताया कि निगम में लंबे समय से संयुक्त सचिव का पद रिक्त है। एक अन्य अधिकारी पिछले दिनों छोड़कर चले गए। अब जाकर एक अधिकारी निगम को मिले हैं। बताया जा रहा है कि कमिश्नर ने चीफ सेक्रेटरी से निगम को पर्याप्त अधिकारी जल्द उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।
स्मार्ट पार्किंग साॅल्यूशन लागू क्यों नहीं
चीफ सेक्रेटरी को बताया कि स्मार्ट पार्किंग लागू करने से पहले एक शहर एक पास लागू करने की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है। मुख्य सचिव ने निगम की खाली जमीन का भी बेहतर इस्तेमाल करने के निर्देश दिए। आवारा कुत्तों और बेसहारा पशुओं के नियंत्रण पर भी चीफ सेक्रेटरी ने निगम अधिकारियों से जानकारी मांगी। इसके अलावा डड्डूमाजरा डंपिंग ग्राउंड में पुराने कचरे की बायो माइनिंग का कार्य कब तक पूरा होगा। मौजूदा स्थिति और सालिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट के कार्याें से भी उन्हें अवगत कराया गया।

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