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    पंजाब में प्रकाशोत्सव पर पीएम नरेंद्र मोदी को न बुलाने पर छिड़ी बहस, भाजपा ने कहा- निदंनीय व कष्टदायक

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Thu, 07 Jan 2021 10:11 AM (IST)

    श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वर्षीय प्रकाशोत्सव पर होने वाले समागम के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को न्यौता नहीं भेजा जाएगा। यह बात एसजीपीसी प्रधान बीबी जागीर कौर ने कही। इस बयान के बाद भाजपा ने इसकी निंदा की है।

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    पीएम नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो ।

    जेएनएन, चंडीगढ़। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की प्रधान बीबी जगीर कौर के उस बयान ने राजनीतिक बहस छेड़ दी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 400 वर्षीय प्रकाशोत्सव पर होने वाले समारोहों में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत किसी भी भाजपा नेता को न्यौता नहीं भेजा जाएगा। बीबी जगीर कौर ने कहा कि गुरु घर में कोई भी आ सकता है, लेकिन विशेष रूप से किसी को न्यौता नहीं भेजा जा रहा।

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    उधर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने एसजीपीसी प्रधान की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न बुलाने के बयान को दुखद, निदंनीय व कष्टदायक बताया। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी को राजनीतिक मतभेद से ऊपर उठकर अपने निर्णय लेने चाहिए।

    उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने अपने जीवन काल में गुरु साहिबान की बाणी को अपने सामने रखकर देश की 135 करोड़ जनता की सेवा की है। छह वर्ष में प्रधानमंत्री ने पंजाबी व सिख भाईचारे के लिए असंख्य काम किए हैं। चुग जगीर कौर को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जिस कांग्रेस के प्रधानमंत्री ने 1984 में सिखों की कत्लोगारत करवाई उन कांग्रेसी नेताओं को समय-समय पर अपने धार्मिक समारोह में शामिल करने में गुरेज नहीं किया गया।

    उन्होंने कहा कि मोदी ने अपने शासनकाल में सिख पंथ की मर्यादा को शीर्ष तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। करतारपुर कारिडोर बनवाना, काली सूची में शामिल लोगों को बाहर करना, गुरुघर के लंगरों को जीएसटी मुक्त करना, 1984 के दंगों के आरोपितों को जेलों तक पहुंचाना, सिख विरोधी दंगों में प्रभावित परिवारों को पांच लाख की राशि की आर्थिक सहायता देना आदि अनेक काम किए हैं।

    चुग ने शताब्दी समारोह में मोदी को न बुलाने के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए हुए कहा कि तीनों कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल इस पर समर्थन देते रहे और आज जगीर कौर ने शिअद की राजनीति को ध्यान में रखकर पवित्र स्थान व पवित्र कार्य के लिए बनी कमेटी के पद का दुरुपयोग करके राजनीतिक रोटियां सेंकने का खेल खेला है, जो दुखद है।