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    पत्नी से था झगड़ा, नशे में 11 महीने की बेटी को नदी में फेंका था, अब जाएगा सात साल के लिए जेल

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 08:09 PM (IST)

    मोहाली सेशन कोर्ट ने आकाश नामक एक व्यक्ति को अपनी 11 महीने की बेटी का अपहरण कर उसे नदी में फेंकने के आरोप में सात साल की सजा सुनाई है। नशे की हालत में आकाश का अपनी पत्नी से झगड़ा हुआ था, जिसके बाद उसने यह कदम उठाया। पुलिस ने बच्ची का शव खोजने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिला। सीसीटीवी फुटेज और पत्नी की गवाही के आधार पर कोर्ट ने आकाश को दोषी पाया।

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    जागरण संवाददाता, मोहाली। एक दिल दहला देने वाले मामले में जिला सेशन कोर्ट ने दोषी पिता को सात सालकी कारावास की सजा सुनाई। आकाश पर अपनी 11 महीने की बेटी इशिका को अगवा करने और उसे घग्गर नदी में फेंकने का आरोप था।

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    कोर्ट ने आईपीसी की धारा 364 में 7 साल का कठोर कारावास और दस हजार जुर्माना और धारा 317 के तहत उसे 5 साल का कठोर कारावास सुनाया है। उसे 30 अक्टूबर 2025 को दोषी करार दिया था।

    मामले की शुरुआत 12 जुलाई 2022 से हुई, जब मुबारकपुर के ट्रिवेडी कैंप में रहने वाला आकाश नशे का आदी था। नशे की हालत में अपनी पत्नी रिंकी से झगड़ा किया।

    रिंकी के मुताबिक, आकाश ने गुस्से में कहा कि वह बेटी इशिका को मार डालेगा और खुद भी जान दे देगा। रिंकी ने रोकने की कोशिश की, लेकिन आकाश बच्ची को लेकर भाग गया। रिंकी ने उसे पीछा किया, लेकिन पकड़ नहीं सकी।

    दो दिन बाद 14 जुलाई 2022 को रिंकी ने डेराबस्सी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आकाश को गिरफ्तार किया, जिसने पूछताछ में कबूल किया कि उसने इशिका को घग्गर नदी में फेंक दिया।

    पुलिस ने गोताखोरों की मदद से नदी में सर्च की, लेकिन बच्ची का शव नहीं मिला। पड़ोसी जिलों जैसे पटियाला, संभू और लालड़ू में भी तलाश की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा।

    सीसीटीवी की मदद से पकड़ा आरोपित

    सबूतों में सीसीटीवी फुटेज अहम रही, जिसमें आकाश शाम 7:27 बजे बच्ची के साथ नदी की ओर जाता दिखा और 7:58 बजे अकेला लौटता नजर आया। कोर्ट ने रिंकी की गवाही को विश्वसनीय माना और कहा कि एक मां अपने पति पर ऐसा आरोप तभी लगाती है जब यह सच हो। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि आकाश ने बच्ची के गायब होने पर कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया, जिससे भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 106 लागू होती है।


    अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि यह सर्कम्सटैंशियल एविडेंस का मजबूत केस है, जहां बच्ची की लाश न मिलने के बावजूद अपहरण और त्याग साबित हुआ। बचाव पक्ष की वकील निकिता शर्मा ने सीसीटीवी फुटेज की वैधता पर सवाल उठाए, लेकिन कोर्ट ने उन्हें खारिज कर दिया।

    यह मामला परिवार में नशे की लत और घरेलू हिंसा की भयावहता को उजागर करता है। सजा पर फैसला आने के बाद ही आकाश की सजा की अवधि तय होगी, जो धारा 364 के तहत उम्रकैद तक हो सकती है। पुलिस का कहना है कि बच्ची की तलाश अब भी जारी है।