चंडीगढ़ में आवारा कुत्तों के लिए फीडिंग प्वाइंट हो रहे निर्धारित, नियम तोड़ने पर लगेगा जुर्माना
चंडीगढ़ नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए 60 स्थान निर्धारित किए जा रहे हैं। इन स्थानों के बाहर खाना खिलाने पर जुर्माना लगेगा। आक्रामक कुत्तों को डॉग सेंटर में रखा जाएगा और पालतू कुत्तों की संख्या घर के आकार के अनुसार सीमित होगी।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। नगर निगम ने आवारा कुत्तों खाना खिलाने के लिए 60 स्थान (फीडिंग प्वाॅइंट) चिह्नित किए हैं और अभी और किए जाने हैं। फाइनल मंजूरी के बाद अगर कोई इधर-उधर कुत्तों को खाना डालेगा तो उस पर 500 रुपये से दस हजार तक जुर्माना लगाया जा सकेगे। केवल फीडिंग प्वाॅइंट ही नहीं, फीड करने वाले प्रमुख लोगों की सूची भी बनाई जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए आदेश जारी किए थे। इन आदेशों में कोर्ट ने कुत्तों को खाना देने की जगह निर्धारित करने के आदेश दिए थे। इन्हीं आदेशों को देखते हुए नगर निगम ने शहर में खाना देने के स्थान चिह्नित किए हैं। यूटी प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की काॅपी नगर निगम को भेजकर उसको देखते हुए बाॅयलाॅज ड्राफ्ट में संशोधन को कहा है। इस संशोधन के बाद ही इनकी अधिसूचना जारी होगी और यह शहर में लागू हो सकेंगे।
संवेदनशील कुत्तों को सेंटर में रखा जाएगा
इसके अलावा कुत्तों की नसबंदी को भी और बढ़ाया जाएगा। साथ ही संवेदनशील आक्रामक कुत्तों को नहीं छोड़ा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेशों में इसको स्पष्ट किया है। इन आदेशों को देखते हुए ही अब रूपरेखा तैयार हो रही है। आक्रामक कुत्तों को डाग सेंटर में ही रखा जाएगा। चंडीगढ़ में आवारा कुत्तों की बड़ी समस्या है। रोजाना 50 से अधिक मामले काटने के आ रहे हैं।
घर के आकार को देखते हुए रख सकेंगे कुत्ते
आवारा कुत्तों की संख्या से निपटने के लिए बॉयलाॅज में भी कई प्रविधान किए गए हैं। खासतौर पर आवारा कुत्तों को कम करने के लिए इनकी संख्या पर भी नियंत्रण होगा। अपनी मनमर्जी से घर में पालतु कुत्ते नहीं रख सकते। कितने कुत्ते रख सकते हैं यह नगर निगम ने बायलाज में तय किया है। घर के आकार के हिसाब से कुत्तों की संख्या तय की गई है।
मरले और कनाल के हिसाब से घरों में एक से चार कुत्ते रखे जा सकेंगे। चार में से दो पेट और दो स्ट्रे अपनाए गए कुत्ते हो सकते हैं। स्टर्लाजेशन के बाद भी कुत्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब पहचान के लिए प्रत्येक कुत्ते के कान में स्टर्लाजेशन होते ही चिप लगाई जाएगी। इसे स्कैन कर पूरी जानकारी मिल जाएगी। चंडीगढ़ में करीब 15000 पालतु कुत्ते हैं जिनमें से लगभग पांच हजार एमसी के पास पंजीकृत हैं।
गले में मैटल टोकन और पट्टा अनिवार्य
मालिक को अपने पालतु कुत्ते का नगर निगम के पास पंजीकरण करना होगा। प्रति कुत्ता 500 रुपये फीस लगेगी। कुत्ते के गले में पंजीकरण मैटल टोकन और पट्टा होना अनिवार्य होगा। हर पांच वर्ष बाद पंजीकरण 50 रुपये की फीस के साथ रिन्यू होगा।
पंजीकृत कुत्तों के अलावा घर में कुत्ता रखते हैं या सड़क पर वह ऐसे ही घूमते मिलता है तो उसे एमसी इंपाउंड करेगी। अधिकृत कर्मी किसी भी जगह दाखिल होकर कुत्तों के लिए जांच कर सकते हैं। ब्रीडर, ट्रेनर, डाग लवर, एनजीओ सभी को पंजीकरण कराना अनिवार्य हो गया है।
काटने पर मालिक जिम्मेदार
मालिक को कुत्ता अपने नियंत्रण में रखना होगा। अगर पंजीकृत कुत्ता किसी व्यक्ति, संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो कुत्ते का मालिक इसका जिम्मेदार होगा। वहीं पीड़ित को मुआवजा या खर्च देने के लिए प्रतिबद्ध होगा। कहीं कुत्ता शोच करता है तो मालिक को इसे उठाकर डिस्पोज आफ करना होगा। ऐसा नहीं करने पर भी जुर्माना लगेगा।
यहां कुत्ते ले जाने पर पाबंदी
सुखना लेक, राॅक गार्डन, रोज गार्डन, शांति कुंज, लेजर वैली, मिनी रोज गार्डन, फ्रेगरेंस गार्डन, टैरेस गार्डन, शिवालिक गार्डन, बोटेनिकल गार्डन, एमसी के अधिसूचित सार्वजनिक स्थान और पार्क।
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