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    गार्ड ऑफ ऑनर में सख्ती से लागू होगा प्रोटोकाल, हरियाणा सरकार ने वीआईपी लोगों के स्वागत के लिए जारी किए दिशा निर्देश

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 10:31 AM (IST)

    हरियाणा सरकार ने वीआईपी लोगों को गार्ड ऑफ ऑनर देने के प्रोटोकॉल को सख्त कर दिया है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी नए निर्देशों के अनुसार, गार्ड ऑफ ऑनर के पात्र लोगों को दो श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति जैसे लोग हैं, जबकि दूसरी श्रेणी में हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि शामिल हैं। गार्ड ऑफ ऑनर की संरचना और प्रक्रिया के बारे में विस्तृत निर्देश बाद में जारी किए जाएंगे।

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    हरियाणा में गार्ड ऑफ ऑनर के नियमों में सख्ती।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अति महत्वपूर्ण लोगों (वीआईपी) को गार्ड ऑफ आनर देते समय प्रोटोकाल को सख्ती से लागू किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने गण्यमान्य लोगों के लिए निर्धारित अवसरों पर गार्ड ऑफ आनर की संख्या और संरचना को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं।

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    मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार गार्ड ऑफ आनर के पात्र लोगों को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। प्रथम श्रेणी में वे सभी उच्च पदस्थ व्यक्ति शामिल हैं जिन्हें भारत सरकार के प्रोटोकाल के तहत गार्ड ऑफ आनर दिया जाता है। इनमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, उप मंत्री, विदेशी राजनयिक मिशनों के प्रमुख, विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष या गवर्नर जनरल, प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शामिल हैं। इस श्रेणी के लिए गार्ड ऑफ आनर केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार ही दिया जाएगा।

    दूसरी श्रेणी में हरियाणा के वे गण्यमान्य व्यक्ति शामिल हैं, जिन्हें विशेष परिस्थितियों में गार्ड ऑफ आनर दिया जाएगा। इनमें हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, कैबिनेट मंत्री, विधानसभा उपाध्यक्ष, राज्य मंत्री, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (जिला प्रशासनिक न्यायाधीश के रूप में), मुख्य सचिव, गृह एवं राजस्व विभागों के प्रशासनिक सचिव, पुलिस महानिदेशक, मंडल आयुक्त, रेंज के एडीजीपी, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक शामिल हैं।

    हरियाणा के राज्यपाल को कार्यभार ग्रहण, कार्यभार से मुक्त होने, विधानसभा सत्र के दौरान अभिभाषण तथा अन्य विशेष अवसरों पर एक राजपत्रित अधिकारी, दो अराजपत्रित अधिकारी, चार हेड कांस्टेबल और 100 कांस्टेबल सहित पूर्ण बैंड के साथ गार्ड ऑफ आनर दिया जाएगा। सामान्य आधिकारिक यात्राओं के दौरान एक अराजपत्रित अधिकारी, दो हेड कांस्टेबल, 10 कांस्टेबल और एक बगलर (बिगुल बजाने वाला) द्वारा गार्ड ऑफ आनर देने का प्रविधान किया गया है। इसी प्रकार की संरचना मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्रीगण तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी निर्धारित की गई है।

    जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक को केवल कार्यभार ग्रहण करने और कार्यभार से मुक्त होते समय ही गार्ड ऑफ आनर दिया जाएगा। इनके लिए एक हेड कांस्टेबल तथा चार कांस्टेबल और एक बगलर की संरचना निर्धारित की गई है। गार्ड ऑफ आन की संरचना, ड्रेस कोड, सेरेमोनियल ड्रिल एवं अन्य प्रोटोकाल प्रक्रियाओं से संबंधित विस्तृत मानक संचालन प्रक्रियाएं गृह विभाग की स्वीकृति के बाद पुलिस महानिदेशक द्वारा अलग से जारी की जाएंगी। यदि किसी परिस्थिति में इन दिशा-निर्देशों में छूट की आवश्यकता हो तो संबंधित विभागों को पूर्व स्वीकृति हेतु सामान्य प्रशासन विभाग (प्रोटोकाल शाखा) से अनुमति लेनी होगी।