IB लीगल अफसरों को कम वेतन देने पर हाईकोर्ट सख्त, पंजाब सरकार को दे दिया 3 महीने का अल्टीमेटम
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को इंटेलिजेंस ब्यूरो में कार्यरत लीगल अफसरों और असिस्टेंट लीगल अफसरों के वेतनमान के मामले में तीन महीने के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ताओं ने कम वेतनमान को भेदभावपूर्ण बताते हुए उच्च वेतनमान की मांग की है। उनका कहना है कि समान योग्यता होने पर भी अन्य विभागों में उच्च वेतन मिल रहा है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि वह राज्य की इंटेलिजेंस ब्यूरो में कार्यरत लीगल अफसरों और असिस्टेंट लीगल अफसरों को दिए जा रहे कथित रूप से मनमाने और अनुचित रूप से कम वेतनमान के खिलाफ दायर किए जाने वाले मांगपत्र पर तीन माह के भीतर निर्णय ले।
याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सिविलियन सपोर्ट स्टाफ) ग्रुप-बी सर्विस रूल्स, 2021 और ग्रुप-सी सर्विस रूल्स, 2021 में लीगल अफसर का वेतनमान 29,200 और असिस्टेंट लीगल अफसर का वेतनमान 25,500 तय किया गया है, जो कि अधिकारियों की समिति की रिपोर्ट के विपरीत, अनुच्छेद 14, 16 और 39 का उल्लंघन करता है। यह किसी भी तार्किक आधार पर उचित नहीं है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि असिस्टेंट लीगल अफसर के लिए न्यूनतम योग्यता एलएलबी के साथ दो साल का अनुभव और लीगल अफसर के लिए एलएलबी के साथ सात साल का अनुभव तय किया गया है।
इतनी उच्च योग्यता के बावजूद उन्हें ग्रुप-सी में रखा गया है, जबकि राज्य सरकार के अन्य विभागों में यही पद ग्रुप-बी में रखे गए हैं और उच्च वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं। याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि उन्हें भी अन्य विभागों की तर्ज पर उच्च वेतनमान दिया जाए और मनमाने तरीके से तय किए गए वेतनमान को रद्द किया जाए।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद पंजाब सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि उनके मांगपत्र पर कानून अनुसार तय समयसीमा के भीतर निर्णय लिया जाए।
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