चंडीगढ़ में टूटी सड़कों पर विपक्ष का रोष, कांग्रेस ने गड्ढों में उगा दिए कमल के फूल
चंडीगढ़ में सड़कों की हालत खस्ताहाल हो गई है जिससे राजनीतिक हंगामा मच गया है। हर 10 मीटर पर गड्ढे हैं जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। कांग्रेस पार्टी सड़कों की दुर्दशा के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। नगर निगम के पास पर्याप्त धन नहीं है इसलिए वी-3 रोड को प्रशासन को सौंपने का प्रस्ताव फिर से लाया जा रहा है जिसका विपक्ष विरोध कर रहा है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर की सड़कों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। अब तो हर दस मीटर में कई गड्ढे हो गए हैं। कई गड्ढे तो इतने बड़े हो गए हैं कि इनमें संतुलन बिगड़ता ही है। सड़कों की ऐसी हालत शहर में बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बन गई है। खासकर मंगलवार को होने वाली निगम सदन की बैठक से पहले विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया है। रविवार को कांग्रेस सड़कों की खराब स्थिति पर प्रदर्शन किया।
चंडीगढ़ कांग्रेस नेता हरमेल केसरी ने बताया कि सेक्टर-19/27 के लाइट पवाइंट के पास सड़कों पर हुए गड्ढों में भाजपा का चुनाव चिह्न कमल का फूल लगाया है। अगर सड़कों की हालत ऐसी ही रही तो अगले वर्ष होने वाले नगर निगम चुनाव में जनता कमल के फूल को धूल चटाने का काम करेगी।
नगर निगम के पास सड़क बनाने के लिए पर्याप्त फंड नहीं है। इसलिए वी-3 रोड बनाने के लिए प्रशासन को सौंपने का प्रस्ताव फिर आ रहा है। हालांकि इस बार भी सदन में यह प्रस्ताव पास होना आसान नहीं होगा। साथ ही राजनीतिक दलों की लोगों का विरोध देखते हुए मजबूरी भी हो गई है।
अब सेक्टरों की अंदरूनी सड़क ही नहीं मुख्य मार्ग भी बुरी तरह से टूट चुके हैं। जगह-जगह गड्ढे होने से पैचवर्क पर बेवजह पैसे बर्बाद किए जा रहे हैं। दरअसल विपक्ष लोगों की परेशानी काे देखते हुए इस मुद्दे को कैश कर रहा है।
कांग्रेस नेता हरमेल केसरी ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में शहर का जो हश्र हुआ है वह पहले कभी नहीं हुआ। सड़कों की हालत इतनी खराब है कि अब आए दिन हादसे होने लगे हैं। कांग्रेस इसके खिलाफ सेक्टर-19 और 27 के चौक पर विरोध प्रदर्शन कर रही है।
पहले भी आ चुका वी-3 देने का प्रस्ताव
नगर निगम के तहत आने वाले प्रमुख वी-3 रोड को प्रशासन को सौंपने के लिए निगम सदन में एक बार फिर से प्रस्ताव आएगा। यह प्रस्ताव पहले भी सदन में लाया गया था, लेकिन विपक्ष ने इसे पास नहीं होने दिया था।
विपक्ष के पार्षदों ने कहा था कि जब यह प्रमुख रोड नगर निगम से प्रशासन को दे देंगे तो निगम में रोड विंग का क्या काम रह जाएगा। फिर तो रोड विंग के अधिकारियों की तनख्वाह को फ्री में देनी पड़ेगी। इससे अच्छा है पूरी रोडवेज को ही प्रशासन को सौंप दें, हंगामे के बीच यह प्रस्ताव निगम सदन में पास नहीं हो सका था।
निगम कमिश्नर ने अपना आपात टी नोट भी इस मामले में जाहिर करते हुए निगम की हालत को देखते हुए रोड प्रशासन को देखकर बनवाने को सही ठहराया था। इस बार दोबारा से यह प्रस्ताव लाया जा रहा है। इसका कारण यह है कि यूटी प्रशासन ने निगम सदन में प्रस्ताव पास किए बिना रोड लिए नहीं जाने की बात कही थी।
इस वजह से ही प्रस्ताव दोबारा से सदन में मंजूरी के लिए लाया जा रहा है। मेयर हरप्रीत कौर बबला पहले ही कह चुकी है कि अगर सड़क प्रशासन बनाकर दे देगा तो इसमें हर्ज क्या है। निगम के पास फंड नहीं है इन सड़कों के बनने पर 26 करोड रुपए खर्च होने हैं। अब देखना यह होगा कि प्रस्ताव इस बार भी सदन में पास हो पता है या नहीं।
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