आज होगी पंजाब कैबिनेट की बैठक, माइनिंग पॉलिसी में संशोधन को मिलेगी मंजूरी
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए खनन नीति में संशोधन को मंजूरी दी जा सकती है। किसान बिना रॉयल्टी दिए खेतों से गाद निकाल सकेंगे। इसके अतिरिक्त धान खरीद नीति को भी मंजूरी मिलने की संभावना है जिसमें पिछले साल की नीति ही जारी रहने की उम्मीद है।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीमार होने के बावजूद राज्य सरकार ने आज कैबिनेट की बैठक बुला ली है जिसमें बाढ़ के कारण किसानों के खेतों में जमा हुई सिल्ट को खत्म करने के लिए माइनिंग पालिसी में संशोधन को मंजूरी दी जा सकती है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद जल्द ही इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी।
पंजाब में 16 अगस्त से आई बाढ़ के कारण गुरदासपुर, पठानकोट , अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर, कपूरथला और फाजिल्का जिलों में चार लाख से ज्यादा एकड़ जमीन पर तीन फुट से लेकर आठ फुट तक सिल्ट जम चुकी है जिसे निकालना एक बड़ी समस्या है क्योंकि किसानों को अपनी जमीन से मिट्टी निकालने के लिए माइनिंग नीति में पर्यावरण क्लीयरेंस लेनी पड़ती है।
साथ ही राज्य सरकार को इसके लिए रायल्टी भी देनी पड़ती है। कैबिनेट में इस बात की मंजूरी ली जाएगी कि आने वाले दो से तीन महीने तक किसान अपनी जमीन से मिट्टी निकाल सकेंगे और इसके लिए उन्हें न तो कोई रायल्टी देनी पडे़ेगी और न ही माइनिंग या पुलिस विभाग का कोई कर्मचारी उन्हें परेशान करेगा।
भागीय सूत्रों का कहना है कि ऐसा करना जरूरी है क्योंकि किसानों को अपने खेतों से सिल्ट निकालने पर भी भारी खर्च करना पड़ेगा और उनकी अगली फसल की बुवाई भी प्रभावित हो सकती है। यही नहीं, उन्हें धान की फसल से भी हाथ धोना पड़ा है।
इसके अलावा कैबिनेट में अक्टूबर से शुरू होने वाली धान खरीद को देखते हुए मिलिंग पालिसी को भी सरकार मंजूरी दे सकती है। हालांकि विभागीय सूत्रों का यह भी कहना है कि इस साल सरकार इसमें कोई बदलाव नहीं करने जा रही है। पिछले साल वाली नीति ही जारी होगी।
काबिले गौर है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान अभी तक फोर्टीज अस्पताल में उपचारअधीन हैं इसलिए वह अस्पताल से आनलाइन के जरिए ही कैबिनेट की बैठक में शामिल होंगे। हालांकि डाक्टरों का कहना है कि उनकी स्थिति स्थिर है । उनके दिल की धड़कन और नब्ज दोनों ही अब नियंत्रण में हैं।
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