पंजाब में 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' के 265 छात्र JEE मेन्स और 848 छात्र NEET में हुए सफल, सरकारी स्कूल दे रहे प्राइवेट संस्थानों को टक्कर
पंजाब सरकार के 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' ने शिक्षा में क्रांति ला दी है, जिससे सरकारी स्कूलों की साख बढ़ी है और छात्रों को आधुनिक शिक्षा मिल रही है। इन स्कूलों के छात्रों ने जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन किया है। स्मार्ट क्लासरूम, मुफ्त कोचिंग और समग्र विकास पर ध्यान देने जैसी सुविधाओं के साथ, ये स्कूल पंजाब के उज्ज्वल भविष्य की नींव रख रहे हैं।

भगवंत मान सरकार के ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ बना रहे भविष्य के नायक
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक परिवर्तन की शुरुआत की है। राज्य में स्थापित ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ न केवल सरकारी शिक्षा प्रणाली की साख बहाल कर रहे हैं, बल्कि विद्यार्थियों के सपनों को पंख दे रहे हैं। गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के इस प्रयास ने अब ठोस परिणाम देना शुरू कर दिया है। इन स्कूलों और अन्य सरकारी संस्थानों के 265 विद्यार्थियों ने जेईई मेन्स के लिए योग्यता प्राप्त की है, 44 विद्यार्थियों ने जेईई एडवांस पास किया है, जबकि 848 विद्यार्थियों ने नीट परीक्षा में सफलता हासिल की है।
इन स्कूलों की खासियत केवल परिणाम नहीं, बल्कि उनका आधुनिक दृष्टिकोण है। यहां स्मार्ट क्लासरूम, अत्याधुनिक विज्ञान प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, खेल के मैदान और स्विमिंग पूल जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। सरकार ने सुनिश्चित किया है कि ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों के बच्चे समान अवसरों के साथ आगे बढ़ें।

‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ में छात्रों के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है — सिर्फ अकादमिक उपलब्धियों पर नहीं, बल्कि उनके नैतिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास पर भी फोकस किया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे जेईई, नीट और सशस्त्र बलों के लिए नि:शुल्क कोचिंग प्रदान की जा रही है। साथ ही छात्रों को मुफ्त बस सेवा, किताबें, यूनिफॉर्म और जूते जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं, ताकि कोई भी बच्चा आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित न रहे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के ‘मेंटरशिप प्रोग्राम’ के तहत सिविल अधिकारी छात्रों को करियर मार्गदर्शन दे रहे हैं। वहीं, अभिभावक-शिक्षक बैठकों (पीटीएम) के माध्यम से माता-पिता को भी शिक्षा प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाया गया है। इन पहलों ने पंजाब की सरकारी शिक्षा को नई दिशा दी है। ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ अब न केवल स्कूल हैं, बल्कि उम्मीद, आत्मविश्वास और उत्कृष्टता के प्रतीक बन चुके हैं जो पंजाब के उज्जवल भविष्य की नींव रख रहे हैं।

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