पंजाबी ड्राइवर का भारत लौटने से इन्कार, अमेरिका में ट्रक की चपेट में लिए थे तीन लोग
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हरजिंदर सिंह ने भारत लौटने से इनकार कर दिया उसने उत्पीड़न का डर जताया है। उसे लापरवाही से ट्रक चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सिमरनजीत मान पर राजनीतिक शरण दिलाने के बहाने पैसे लेने का आरोप है। सुरक्षा एजेंसियां इसे देश के लिए खतरा मान रही हैं। खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय दूतावासों के सामने प्रदर्शन किया।
रोहित कुमार, चंडीगढ़। अमेरिका में पिछले सात साल से अवैध रूप से रह रहे पंजाबी मूल के ट्रक ड्राइवर 25 वर्षीय हरजिंदर सिंह ने भारत लौटने से इन्कार कर दिया है। हादसे में तीन लोगों की मौत का कारण बने हरजिंदर सिंह को जब निष्कासन के लिए पेश किया गया तो उसने दावा किया कि वह भारत लौटने से डरता है।
इसके बाद यूएस सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज ने जनवरी 2019 में उसे 5,000 डालर की इमिग्रेशन बान्ड पर रिहा कर दिया। अमेरिकी कानून के अनुसार प्रवासी शरणार्थी दावा कर सकते हैं कि वे अपने देश में नस्ल, किसी विशेष सामाजिक समूह की सदस्यता, राजनीतिक विचारधारा, धर्म या राष्ट्रीय मूल के कारण उत्पीड़न या उत्पीड़न के डर से वापस नहीं जाना चाहते।
हरजिंदर सिंह को फ्लोरिडा हाईवे सेफ्टी एंड मोटर व्हीकल्स (एफएलएचएसएमवी) लापरवाही से ट्रक चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी। हरजिंदर सिंह ने फ्लोरिडा के सेंट लूसी काउंटी हाईवे पर अचानक और गलत दिशा में यू-टर्न ले लिया। यह हादसा 12 अगस्त को हुआ था।
हरजिंदर सिंह ने सितंबर 2018 में दक्षिणी सीमा पार कर कैलिफाेर्निया में अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश किया था। सीमा पार करने के दो दिन बाद ही बार्डर पेट्रोल ने उसे गिरफ्तार कर लिया और ट्रंप प्रशासन ने उसे फास्ट-ट्रैक डिपोर्टेशन की प्रक्रिया में डाल दिया। जून 2021 में बाइडन प्रशासन ने उसे वर्क परमिट जारी किया, जिसके बाद उसने कैलिफाेर्निया में कामर्शियल ड्राइवर का लाइसेंस (सीडीएल) हासिल कर लिया।
खालिस्तान समर्थक व शिरोमणि अकाली दल अमृतसर अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान खुद माना है कि वह लोगों को विदेशों में राजनीतिक शरण दिलाने के बहाने पैसे लेते हैं। वह अपनी पार्टी के लेटरहेड पर राजनीतिक शरण के लिए लिखकर देते हैं। अब तक 50 हजार लोग विभिन्न देशों जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी आदि में पक्के हो गए हैं। सिमरनजीत मान इसे गलत नहीं मानते।
कैसे ली जाती है राजनीतिक शरण की चिट्ठी
सिमरनजीत सिंह मान खालिस्तान समर्थक नेता रहे हैं। इसको लेकर उनके खिलाफ कई केस भी दर्ज हुए हैं। मान जिस व्यक्ति को अपनी चिट्टी देते हैं उस में लिखते हैं कि संबंधित व्यक्ति को पंजाब और केंद्र सरकार खालिस्तान का समर्थन करने के कारण तंग कर रही है और उनकी जान को खतरा हो सकता है। इसलिए उसे राजनीतिक शरण दी जाए। चूंकि वह वर्तमान सांसद हैं और पहले भी दो बार सांसद रह चुके हैं इसलिए उनकी इन चिट्ठियों पर अक्सर युवाओं को विदेशों में शरण मिल जाती है।
सुरक्षा एजेंसियों ने इसे बताया खतरा
काबिले गौर है सिमरनजीत सिंह मान की ओर से यह दावा करने के बाद कि वह युवाओं को विदेशों में राजनीतिक शरण दिलवाने के लिए उनकी मदद करते हैं के बाद से केंद्रीय जांच एजेंसियों की ओर से पूरे मामले पर नजर रखनी शुरू कर दी है। सुरक्षा एजेंसियां इसे देश के लिए खतरा बता रही है।
एक सीनियर अधिकारी ने यह भी बताया कि जो लोग विदेशों में इस तरह की राजनीतिक शरण लेकर पक्के हुए हैं या फिर रह रहे हैं उन पर भी नजर रखी जाएगी और उन्हें विदेश से डिपोर्ट करवाने की कार्रवाई शुरू करवाई जाएगी।
खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय दूतावासों के सामने प्रदर्शन
ध्यान रहे कि पंजाब में वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख व खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के बाद विदेशों में बैठे खालिस्तान समर्थकों की ओर से भारतीय दूतावासों के सामने प्रदर्शन किया गया था। विदेशों में कई ऐसे आतंकी राजनीतिक शरण लेकर बैठे हैं जिनकी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को तलाश है।
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