गंदगी और बीमारी का घर है चंडीगढ़ की सब्जी मंडी सेक्टर 26, प्रशासन दे जवाब क्यों है ऐसी स्थिति
चंडीगढ़ सेक्टर 26 सब्जी मंडी की बदहाल स्थिति पर हाई कोर्ट सख्त हुआ है। हाई कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए प्रशासन से मांगा जवाब है कि ऐसी स्थिति क्यों है। पूरे शहर की जरूरतों को यह मंडी पूरा करती है लेकिन सफाई नहीं है जो कि कई प्रकार के रोगों को जन्म दे रही है। प्रशासन को 19 अगस्त उत्तर देने के आदेश अदालत ने दिए है।

राज्य ब्यूरो, जागरण : चंडीगढ़
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित फल और सब्जी मंडी (ग्रेन मार्केट) की बदहाल स्थिति पर स्वत संज्ञान लेते हुए यूटी प्रशासन को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि दशकों से मंडी में चली आ रही अनदेखी अब अराजकता में तब्दील हो चुकी है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को जवाब देना होगा। चीफ जस्टिस शील नागु और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रशासन से सवाल किया कि आप सब्जी मंडी में पूरी तरह अराजकता क्यों बरकरार रख रहे हैं। कोर्ट ने टिप्पणी की कि मंडी की स्थिति न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि प्रशासन की निष्क्रियता का स्पष्ट उदाहरण भी है। हाई कोर्ट ने समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार जिसमें जिसमें मंडी की स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया गया था पर संज्ञान लिया। समाचार के अनुसार बदबूदार कूड़े के ढेर, कीचड़ से भरी सड़कें और अतिक्रमण, सेक्टर 26 की फल और सब्जी मंडी में आने वालों का स्वागत करते हैं।
स्ट्रीट लाइटें, सड़के और बुनियादी ढांचा खस्ता:
सब्जी मंडी की स्ट्रीट लाइट, सड़कें और बुनियादी ढांचा भी इतनी खराब हालत में है कि वह उपयोग के लायक नहीं रह गए हैं। सुनवाई के दौरान यूटी प्रशासन की ओर से कोर्ट को बताया कि मंडी को सेक्टर 39 स्थित न्यू ग्रेन मार्केट में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने वहां दुकानों और शोरूम की ई-नीलामी प्रक्रिया पर अप्रैल में रोक लगा दी है। यह रोक सेक्टर 26 सब्जी मंडी के आढ़तिया संघ द्वारा दायर याचिका के बाद लगाई गई थी, जिसमें कहा गया था कि "चंडीगढ़ एस्टेट नियम" इस मंडी पर लागू नहीं होते। कोर्ट को बताया गया कि स्थानांतरण की योजना वर्ष 1996 में बनाई गई थी, लेकिन अब तक इसे अमल में नहीं लाया जा सका है। इस देरी ने मंडी की स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है।
सुनवाई के अंत में कोर्ट ने मामले को 19 अगस्त 2025 तक स्थगित करते हुए यूटी प्रशासन को निर्देश दिया कि वह मंडी की वर्तमान स्थिति और स्थानांतरण योजना के क्रियान्वयन में हुई देरी पर विस्तृत जवाब दाखिल करें। अदालत ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की स्थिति ग्रेन मार्केट में नहीं चलेगी। जिम्मेदार अधिकारियों पर जवाब देना होगा और स्थिति को सुधार की दिशा में काम करने के लिए प्रशासन को काम करना होगा।
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