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    World Heart Day: PGI चंडीगढ़ के डाक्टर ने बताए 3 मंत्र, जिनसे दिल रहेगा तंदरूस्त, युवाओं को ज्यादा खतरा

    By JagranEdited By: Ankesh Thakur
    Updated: Thu, 29 Sep 2022 09:39 AM (IST)

    पीजीआइ चंडीगढ़ के कार्डियोलॉजी विभाग के पूर्व हेड और कार्डियक साइंसेज के अध्यक्ष डा. एचके बाली ने बताया कि चंडीगढ़ में 40 वर्ष से अधिक आयु के लोग उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेसर) से पीड़ित हैं। इससे दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा हो जाता है।

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    World Heart Day 2022: हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। World Heart Day 2022: आज विश्व हृदय दिवस है। ऐसे में जरूरी है कि दिल से जुड़ी बीमारियों व इनसे बचाव के लिए जागरूक होकर खुद को स्वस्थ रखें। युवाओं और बच्चों में डायबिटिज और हाई ब्लड प्रेसर सहित कई बीमारियां बढ़ रही हैं, जिससे दिल की बीमारियां भी तेजी से बढ़ने लगी हैं। जीवनशैली की बीमारियों को नियंत्रित करके और तीन मंत्रों ‘स्वस्थ खाएं, नियमित व्यायाम करें और तनाव कम लें’, का पालन करके दिल से जुड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है, यह बात जाने माने हृदय रोग माहिर डा. एचके बाली ने विश्व हृदय दिवस के अवसर पर कही।

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    पीजीआइ चंडीगढ़ के कार्डियोलॉजी विभाग के पूर्व हेड और कार्डियक साइंसेज के अध्यक्ष डा. एचके बाली ने बताया कि चंडीगढ़ में 40 वर्ष से अधिक आयु के लोग उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेसर) से पीड़ित हैं। हाल के राष्ट्रीय सर्वेक्षण से पता चला है कि 12 प्रतिशत महिलाओं और 7.1 प्रतिशत पुरुषों (15 वर्ष से अधिक) में ब्लड शुगर का स्तर बहुत अधिक है।

    डा. बाली ने कहा कि एक सुस्त जीवन शैली के कारण देश में हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक है। चूंकि हृदय रोग अब युवा आबादी में आम होते जा रहे हैं, भारत जल्द ही कोरोनरी धमनी रोगों की विश्व राजधानी बन सकता है।

    युवा पीढ़ी इन बातों पर करे अमल

    डा. बाली ने दिल की बीमारियों से बचाव के उपायों के बारे में कहा कि लोगों को संतुलित आहार लेना चाहिए और ट्रांस फैट से बचना चाहिए। इसके अलावा नौजवानों को सुचेत रहते हुए सभी को मोबाइल फोन का कम उपयोग, स्वस्थ आहार, काम के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक, सुबह-शाम 30 मिनट का व्यायाम और सबसे अहम अपने आसपास व खास दोस्तों से अपने सुख-दुख की बात को सांझा करने का सुझाव दिया।

    दिल की बीमारियों के इलाज में उन्नत तकनीक का उपयोग

    इन दिनों दिल की बीमारियों के इलाज के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग किया जा रहा है जो दिल के रोगियों को जल्द ठीक होने और मृत्यु दर को कम करने में मदद करता है। कई ऐसे मामलों में जहां सर्जरी संभव नहीं है और मरीज को एनेस्थीसिया नहीं दिया जा सकता है, वहां एक सुरक्षित एंजियोप्लास्टी की जरूरत होती है व कोई अन्य विकल्प नहीं है। ऐसे मरीजों के लिए हार्ट पंप इम्पेला उपरांत एंजियोप्लास्टी उपचार तकनीक एक जीवनदायी है। डा. बाली ने कहा कि इस उन्नत तकनीक से उपचार से गंभीर मरीजों की जल्द रिकवरी व कम प्रतिकुल प्रभाव व जीवन की बेहतर गुणवत्ता है।

    बुजुर्गों के लिए ओपन हार्ट सर्जरी उपयुक्त नहीं

    डॉ बाली ने कहा कि बुजुर्ग और अन्य संक्रमण रोगियों के लिए वाल्व रिप्लेसमेंट के लिए ओपन हार्ट सर्जरी उपयुक्त नहीं है, लेकिन अब ‘ओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट की नवीनतम गैर-सर्जिकल तकनीक - टीएवीआई (ट्रांस कैथेटर ओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन) उपचार उपलब्ध है जिसमें सर्जरी से रोगी की छाती को चीरने की आवश्यकता नहीं है। नतीजतन मरीज का कम शारीरिक नुकसान होता है और मरीज को 2-3 दिनों में छुट्टी दे दी जा सकती है।