'20 हजार रुपये प्रति एकड़ किसानों के साथ मजाक', सुखबीर बादल ने मुआवजे पर केंद्र सरकार को घेरा
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे को कम बताया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा घोषित 20 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा नाकाफी है। बादल ने किसानों की समस्या को रक्षा मंत्रालय के सामने उठाने का आश्वासन दिया ताकि उनकी जमीनों को बचाने के लिए बांध बनाया जा सके।

संवाद सूत्र, फाजिल्का। शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा धान की खड़ी फसल के नुकसान के लिए 20 हजार प्रति एकड़ मुआजवा को मजाक करार दिया। इतना कम मुआवजा राज्य में बाढ़ से पूरी तरह से तबाही के लंबे समय के बाद दिया जा रहा है।
अकाली दल अध्यक्ष फाजिल्का में बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने फाजिल्का के मौजम में स्थित अग्रिम चैंकी का भी दौरा किया और जीरो लाइन के पास खेती करने वाले किसानों के साथ भी बातचीत की।
कंटीली तारों की बाड़ के पास खेत जोतने वाले ग्रामीणों ने अकाली दल अध्यक्ष को वीडियो से शिकायतों के समाधान को रक्षा मंत्रालय के सामने उठाने की अपील की। इस इलाके का दौरा करने के बाद सरदार बादल ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि वह उनकी समस्या को रक्षा मंत्रालय के समक्ष उठाएंगें ताकि बाढ़ से उनकी जमीनों को बचाने के लिए उपयुक्त बांध बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री द्वारा घोषित मुआवजे के बारे में बोलते हुए बादल ने कहा कि किसानों के लिए नई शुरूआत करने के लिए 20 हजार रूपये प्रति एकड़ का मुआवजा बहुत ही कम है। उन्हें न केवल अपने खेतों से रेत हटाने के लिए पैसे की आवश्यकता बल्कि उन्हें जोतकर अगली गेंहू की फसल के लिए तैयार करने के लिए भी पैसों की जरूरत है।
उन्होने कहा कि पशुधन और घरों को हुए नुकसान के लिए घोषित मुआवजा लोगों को हुए नुकसान के अनुरूप नही है। उन्होंने कहा कि यह वही मुख्यमंत्री है जिन्होनें किसानों को बकरियों और मुर्गिंयों के लिए मुआवजा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन जरूरत पड़ने पर पर्याप्त मुआवजा पैकेज जारी करने में विफल रहे हैं।
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि किसान बेहद परेशान हैं और अगले दो साल तक अपने पैरों पर खड़ा नही हो पाएगा। बाढ़ प्रभावित गांवों के दौरे के दौरान अकाली दल अध्यक्ष के साथ संपूर्ण सिंह बेहक, रोहित कुमार वोहरा और जोगिंदर सिंह जिंदू भी मौजूद थे।
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