नाव में सवार होकर CM भगवंत मान ने प्रभावित गांवों का किया दौरा, रोती महिला को गले लगाकर दिया दिलासा
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने फिरोजपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ितों को दिए जा रहे कम मुआवजे पर चिंता जताई। उन्होंने केंद्र सरकार से मुआवजे के मानदंडों में संशोधन करने और पंजाब के लंबित फंड को जारी करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने किसानों को 50000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने और मृतकों के परिवारों के लिए अनुग्रह राशि बढ़ाने का भी आग्रह किया।

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर। मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए फिरोजपुर पहुंचे । इस दौरान बाढ़ से हुए नुकसान के लिए लोगों को दिए जा रहे अल्प मुआवजे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भारत सरकार से मुआवजे के मानदंडों में संशोधन करने की मांग की है।
इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नाव में बैठकर प्रभावित गांव टेंडीवाला का दौरा किया । इस दौरान वह एक पीड़ित महिला को रोता देखकर भावुक हो गए व उसे गले लगाकर आश्वासन दिया कि वह हर तरह से उनके साथ है । इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हम देश को अन्न देते हैं, जब देश को हरित क्रांति चाहिए थी तो हमने अपनी धरती में से पानी निकालकर, धरती खराब कर ली, पर देश का भेट भरा। अब पंजाब संकट में है।
वह केंद्र सरकार को बेनती करते हैं हमें हमारा हक ही दे दो । हमारा 50 हजार करोड़ रुपया जीएसटी का, 8 हजार करोड़ रुपया आरडीएफ का है । उन्होंने कहा कि पीएम साहब का फोन आया, होम मनिस्टर साहब का फोन आया, उन्होंने हालचाल पूछा । वहीं उन्होंने कहा कि जब पानी कम हो जाएगा तो उनसे फंड्स की मांग की जाएगी।
सीएम ने कहा कि कालका से शिमला को छोटी ट्रेन जाती है वह अंग्रेजों ने बनाई थी, वह वहां के लोगों को पूछकर बनाई कि कहां से पहाड़ काटा जाए । इसलिए हम लोगों को पूछकर दरिया के बांध बनाएंगें ताकि फिर से ऐसी स्थिति न बने ।
जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए नाव से बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) में पर्याप्त धनराशि मौजूद है, लेकिन गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत मौजूदा मानदंड किसानों, पशुपालकों और अन्य वर्गों को हुए नुकसान के लिए पर्याप्त मुआवजा देने के लिए अपर्याप्त हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों को हुए वास्तविक नुकसान की तुलना में अधिसूचित शर्तें प्रासंगिक नहीं हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को हुए नुकसान के लिए प्रति एकड़ मुआवज़ा फसलों की बढ़ी हुई खेती की लागत की तुलना में बहुत कम है।
अधिकारियों के साथ नाव द्वारा गांव गट्टी राजो की में स्थिति का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण खेतों में पक चुकी फसलों को भारी नुकसान हुआ है और किसानों को कम से कम 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलना चाहिए।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बाढ़ के कारण मरने वालों के परिवारों के लिए मौजूदा 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि को 8 लाख रुपये करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण घायल होने के कारण अपने अंग खोने वालों को 40 से 60 प्रतिशत विकलांगता के लिए 74,000 रुपये मिलते हैं, जिसे बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये किया जाना चाहिए और 60 प्रतिशत से अधिक विकलांगता के लिए इसे 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति व्यक्ति किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपील की जा चुकी है कि पंजाब का 60 हजार करोड़ रुपये का फंड, जो भारत सरकार के पास अटका हुआ है, जारी किया जाए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हाल ही में आई इस राशि के कारण पंजाब के 1300 से ज़्यादा गांव और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण 10 से ज्यादा जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। उन्होंने कहा कि हालात अभी भी बिगड़ रहे हैं और आने वाले दिनों में और बिगड़ सकते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस समय तीन लाख एकड़ खेत जलमग्न हैं, जिनमें से ज़्यादातर धान की फ़सल लगी हुई थी, जिसकी कटाई कुछ हफ़्तों में शुरू होनी थी।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को ग्रामीणों को हुए नुकसान का आंकलन करने के आदेश दिए ताकि उन्हें उचित मुआवजा मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में लोगों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और लोगों के लिए राहत एवं पुनर्वास सुनिश्चित किया जा रहा है। इस प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि हाल के इतिहास में संपत्ति और फसलों का यह सबसे बड़ा नुकसान है।
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