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    Punjab Flood: घरों में दो फीट तक गाद और सड़ गए सारे सामान, रोते हुए लोग बोले- रहने लाइक नहीं रहा घर

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 06:26 PM (IST)

    गुरदासपुर के किला लाल सिंह क्षेत्र में बाढ़ के कारण कई गांवों में अभी भी पानी भरा हुआ है जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव मान जोड़ियां धर्मकोट रंधावा जैसे इलाकों में घर और खेत पानी में डूबे हुए हैं। लोगों के घरों में गाद जमा हो गई है सामान खराब हो गया है और फसलें सड़ गई हैं।

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    बाढ़ से तबाही, घर में रखे सारे सामान सड़ गए। फोटो जागरण

    संवाद सहयोगी, किला लाल सिंह (गुरदासपुर)। बाढ़ को आए बेशक दस दिन से अधिक गुजर चुके हैं मगर अभी भी कुछ गांवों तथा घरों में पानी खड़ा है। बटाला से डेरा बाबा नानक रोड पर दाईं ओर देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे वहां कोई घर, गांव यां खेत नहीं बल्कि बहुत बड़ा दरिया हो।

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    दैनिक जागरण ने गांव मान, जोड़ियां, धर्मकोट रंधावा, झंगियां, ठेठरके आदि गांवों में जाकर बाढ़ वास्तविक और लोगों की समस्याएं देखीं। कस्बा डेरा बाबा नानक के गांव मान के लोग बहुत बुरे हालात में हैं। गांव की जसकरण कौर पत्नी जगप्रीत सिंह ने बताया कि भगवान ऐसे दिन किसी को भी न दिखाए। उसके घर का सारा सामान बारिश तथा बाढ़ की भेंट चढ़ चुका है।

    गांव मान के निवासी निम्मा मसीह ने बताया कि उसकी पत्नी सरबजीत की आंखों की रोशनी कुछ समय पहले जा चुकी है। उनके घर में केवल दो छोटे-छोटे कमरे हैं जिनमें डेढ़ से दो फुट तक गाद जमा हो चुकी है। परिवार में उनके अतिरिक्त पत्नी, बेटा, बहू तथा एक पोता है। घर के घरेलू सामान के अतिरिक्त फ्रिज, टीवी पूरी तरह खराब हो चुके हैं।

    किसी समय भी छत गिर सकती है, फिर भी घर की छत पर रहने के लिए मजबूर हैं। गांव में एक ओर तो बाढ़ का पानी 6 से 8 फीट तक आ चुका है। घरों की करीब सभी रजाइयां, कंबल, दरियां, चादरें सहित कपड़े बाढ़ के पानी से खराब हो गए हैं।

    वे सूखने के लिए दीवारों पर डाले गए हैं तथा गली में अलमारियां, पलंग रखे हुए हैं ताकि सूखने के बाद कुछ काम आ सकें। गांव के अधिकतर घरों की छते कच्ची होने से कई स्थान से टूटी चुकी हैं, फिर भी लोग उनपर रहने को विवश हैं।

    गांव निवासियों ने बताया कि उनके गांव की करीब सारी फसल अभी भी पानी में डूबी हुई है जो पूरी तरह सड़ चुकी है। पूरे गांव के लोग अपने घरों के बाहर आकर दैनिक जागरण टीम से कहने लगे कि सरकार तक हमारी आवाज पहुंचाई जाए कि हमारी पूरी तरह आर्थिक मदद की जाए।

    इस बाढ़ ने हमारा सब कुछ छीन लिया है। दोनों कमरे धराशायी, पोते के साथ किसी और के घर सोती है बूढ़ी मां गांव की विधवा माता मिंदो उर्फ भोली (75) के परिवार की भी दास्तां दिल को झिंझोड़ देने वाली है।

    बाढ़ में कच्चे घर की छत वाले दोनों कमरे ध्वस्त हो चुके हैं। पति गुजर चुका है। दो लड़के व एक लड़की भगवान को प्यार हो चुके हैं। दोनों बहुएं घर छोड़कर जा चुकी हैं। केवल एक चार वर्ष के पोते अरमान के साथ जिंदगी के दिन मुश्किल कट रही है।

    बाढ़ के घर का खाने पीने का सामान व कपड़े बेकार हो चुके हैं। वह तथा पोता गांव में किसी दूसरे के घर रात को सोने जाते हैं। इसी गांव के जरनैल सिंह के पास न तो कोई कपड़ा पहनने को बचा है और न ही ऊपर ओढ़ने को रह गया है।

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