जालंधर: पैरोल पर 'मृत' बन नेपाल भागने की साजिश रचते धराया दुष्कर्म का दोषी, फर्जी कागजात भी जब्त
जालंधर में दुष्कर्म के एक दोषी को पैरोल पर रिहा होने के बाद 'मृत' बनकर नेपाल भागने की साजिश करते हुए गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसके पास से फर्जी कागजात भी बरामद किए हैं। आरोपी ने अपनी पहचान बदलकर भागने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

नेपाल भागने की फिराक में था फर्जी मौत दिखाने वाला दुष्कर्मी हिमांशु (प्रतीकात्मक फोटो)
सुक्रांत, जालंधर। दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहा आरोपित हिमांशु उर्फ राकेश अगर दो दिन और पुलिस की पकड़ से बच जाता तो वह नेपाल के रास्ते विदेश भागने की अपनी योजना को अंजाम दे देता।
जांच में सामने आया है कि हिमांशु ने न केवल खुद को मृत दिखाने की साजिश रची, बल्कि फरार होने के लिए फर्जी दस्तावेज भी तैयार कर रखे थे। उसने यह सारी तैयारी किसी एजेंट की मदद से की थी, जिसने उसके लिए फर्जी पासपोर्ट और पहचान से जुड़े कागजात बनवाए थे।
जानकारी के मुताबिक हिमांशु ने पूछताछ में यह बात कबूल की है कि उसने कई दस्तावेज फर्जी तरीके से तैयार करवाए थे। इतना ही नहीं, उसने नेपाल में भी एक एजेंट से संपर्क कर लिया था ताकि वहां से किसी अन्य देश में निकल सके।
हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस संबंध में आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन प्रारंभिक जांच में उसके नेपाल कनेक्शन की संभावना मजबूत मानी जा रही है। हिमांशु की कहानी यहीं खत्म नहीं होती।
उसकी पत्नी बनी रूपाली और एक महिला रानी का नाम सामने आया था। बताया जा रहा है कि हिमांशु ने रूपाली नामक युवती से शादी तो की, लेकिन सामने आया था कि उसने उसे पैसे देकर झूठे दस्तावेजों के आधार पर अपनी पत्नी बनाया था ताकि अपनी नई पहचान राकेश के नाम से जी सके।
रानी नाम की महिला के बारे में कहा जा रहा था कि उसने जेल में जाकर हिमांशु की मौत का सर्टिफिकेट जमा करवाया था, लेकिन इस दावे की पोल उस समय खुली जब रानी खुद सामने आ गई और बताया कि वह केवल हिमांशु की पड़ोसन है।
उसने स्पष्ट कहा कि उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। उसने न तो कोई सर्टिफिकेट जमा करवाया और न ही किसी तरह की मदद की। रानी ने कहा कि अगर पुलिस चाहे तो वह जांच में शामिल होने के लिए तैयार है।
पुलिस अब हिमांशु की पूरी साजिश की कड़ियों को जोड़ने में लगी है। जांच टीम यह भी पता लगा रही है कि क्या फर्जी दस्तावेजों को जेल प्रशासन में किसी कर्मचारी की मिलीभगत से स्वीकार किया गया था।
जिस तरह से जेल में उसकी मौत का फर्जी सर्टिफिकेट दाखिल किया गया, उससे यह संदेह जताया जा रहा है कि अंदर से किसी ने मदद की हो सकती है। पुलिस जेल रिकॉर्ड की जांच कर रही है और उस समय ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ की जाएगी।
सोमवार को पुलिस ने हिमांशु को अदालत में पेश किया और रिमांड बढ़ाने की मांग की। अदालत ने पुलिस को एक दिन का अतिरिक्त रिमांड दिया, जबकि पुलिस ने दो दिन की मांग की थी। पुलिस का कहना है कि अभी कई बिंदुओं पर जांच बाकी है, जिनमें नेपाल कनेक्शन, फर्जी दस्तावेजों की तैयारी, और रूपाली एवं एजेंटों के संपर्क शामिल हैं।
हिमांशु ने पूछताछ के दौरान कई बार अपने बयान बदले, जिससे जांच टीम को शक है कि वह किसी बड़े नेटवर्क के संपर्क में था जो पैरोल पर आए कैदियों को फर्जी पहचान बनवाकर देश से बाहर भेजने का काम करता है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि हिमांशु ने अपनी फर्जी पहचान से किसी बैंक अकाउंट या सिम कार्ड का इस्तेमाल तो नहीं किया।
शुक्रवार को जालंधर पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले में एक उम्रकैद की सजा काट रहा कैदी पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद खुद को मृत घोषित करवा कर नई पहचान के साथ जीवन जी रहा था, आरोपित को गिरफ्तार किया था।
दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया जालंधर रेलवे कॉलोनी में रहने वाला हिमांशु नामक कैदी वर्ष 2018 से जेल में सजा काट रहा था। वर्ष 2021 में उसे पैरोल मिली, लेकिन जेल वापस लौटने के बजाय उसने एक योजना बनाई। इसमें उसने अपनी ही फर्जी मौत का नाटक रच दिया। थाना डिवीजन नंबर-1 की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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