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    पंजाब में भी बारिश ने बरपाया कहर, कपूरथला में 48 घंटे में तीसरा बांध टूटा; बाढ़ की चपेट में 30 गांव

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 09:39 AM (IST)

    पंजाब में भारी बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। कपूरथला में बांध टूटने से 30 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं और लोग पलायन कर रहे हैं। मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। ब्यास दरिया खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे फसलों और पशुओं के चारे को नुकसान हुआ है।

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    पंजाब में वीरवार को कई जिलों में दिन भर वर्षा हुई (जागरण फोटो)

    जागरण टीम, जालंधर। पंजाब में वीरवार को कई जिलों में दिन भर वर्षा हुई। सावन के बाद भादों में हुई भारी वर्षा के कारण शहरों के साथ-साथ हाईवे पर जलभराव के कारण आवागमन प्रभावित रहा। पहाड़ों में हो रही वर्षा के कारण पौंग बांध का जलस्तर वीरवार को 1377.19 फीट तक पहुंच गया। बांध से पानी छोड़े जाने के कारण ब्यास दरिया खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।

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    कपूरथला, होशियारपुर, गुरदासपुर, अमृतसर, फाजिल्का व फिरोजपुर में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। कपूरथला में 48 घंटे के भीतर तीसरा अस्थायी बांध टूटने से लगभग 30 से ज्यादा गांव पानी से घिर गए हैं। यहां से लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं।

    मौसम विभाग ने जारी किया यलो अलर्ट

    मौसम विभाग ने राज्य में शुक्रवार और शनिवार को भारी वर्षा को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। वीरवार को होशियारपुर में सबसे अधिक 62 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई, जबकि लुधियाना में 39.6, अमृतसर में 14 एमएम, शहीद भगत सिंह नगर में 15 एमएम, रूपनगर में 10.5 एमएम, संगरूर में 6 एमएम और फरीदकोट में 5 एमएम वर्षा हुई।

    ब्यास दरिया का जलस्तर बढ़ने से कूपथला के सुल्तानपुर लोधी हलके के मंड क्षेत्र पानी में डूब चुका हैं। गांव भैणी कादर, गांव महिवाल के बाद वीरवार को मंड शेरपुर के पास एक और अस्थायी बांध टूट गया, जिससे मंड क्षेत्र के कई गांवों में पानी भरने के साथ-साथ तरनतारन जिले के कई गांवों में भी बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। 7,000 एकड़ में फसल पानी में डूब गई है।

    पशुओं का चारा भी प्रभावित

    धान, बासमती, मक्की, गन्ना की फसल के साथ-साथ पशुओं का चारा प्रभावित हो गया है। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य में जुटे हैं। उनकी टीम ब तक 125 से अधिक लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से निकाल कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है।

    डीसी अमित कुमार पंचाल ने वीरवार को बाढ़ प्रभावित की मदद के लिए लखवरियह के सरकारी हाई स्कूल में राहत कैंप स्थापित किया है। उधर, सतलुज दरिया का जलस्तर बढ़ने से फाजिल्का जिले जलालाबाद क्षेत्र के कई गांवों बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सड़क टूटने से गांव आतूवाला आने-जाने का रास्त बंद हो गया है। बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पा रहे औल लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं।

    पाकिस्तान जा रहा है 66 हजार क्यूसेक पानी

    पौंग डैम से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण वीरवार को हरिके हेड वर्क्स पर 90 हजार क्यूसेक पानी अपस्ट्रीम में छोड़ा गया। इस दौरान 66 हजार क्यूसेक पानी डाउन स्ट्रीम में छोड़ा गया है, जो पाकिस्तान पहुंचेगा। फिरोजपुर व राजस्थान फीडर में 17 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

    वीरवार को फिरोजपुर की डिप्टी कमिश्नर दीपशिखा शर्मा व तरनतारन के डिप्टी कमिश्नर एस राहुल ने संयुक्त तौर पर हरिके हेड वर्क्स का दौरा कर जायजा किया। उन्होंने लोगों को अफवाहों से बचने की अपील की है।

    धनोआ पत्तन पुल के स्पैन में आई दरार, भारी वाहनों का आवागमन रोका दरिया ब्यास के तेज बहाव के कारण गुरदासपुर-होशियारपुर के साथ जोड़ने वाले काहनूवान में बने धनोआ पत्तन पुल के एक स्पैन में दरार आ गई है। प्रशासन ने पुल से भारी वाहनों का आवागमन रोक दिया है। 2016 में तत्कालीन अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार ने इस पुल का निर्माण 48 करोड़ रुपये की लागत से कराया था। पुल का ज्यादा हिस्सा जिला होशियारपुर में आता है।